ईमानदारी के साथ काम करने की जरूरत : कुलपति
सरकार की ओर से मिलने वाली जिस-जिस सुविधा का दुरुपयोग होना शुरू होता है, धीरे-धीरे वह सुविधा मिलनी बंद हो जाती है. इसका एक उदाहरण पेंशन है, इसका दुरुपयोग हुआ और पेंशन बंद हो गया.
रक्सौल.सरकार की ओर से मिलने वाली जिस-जिस सुविधा का दुरुपयोग होना शुरू होता है, धीरे-धीरे वह सुविधा मिलनी बंद हो जाती है. इसका एक उदाहरण पेंशन है, इसका दुरुपयोग हुआ और पेंशन बंद हो गया. पहले हमलोगों को काफी कम वेतन मिलता था, इतना कम कि उसमें परिवार का गुजर बसर करना भी मुश्किल होता था. लेकिन, उस वक्त हम सभी बेहतर काम करते थे. आज वेतन पर्याप्त है, लेकिन उसके हिसाब से काम नहीं हो रहा है. उक्त बातें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेशचंद्र राय ने गुरुवार को रक्सौल के खेमचंद ताराचंद महाविद्यालय परिसर में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं. मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल कुलपति श्री राय ने कहा कि यदि वेतन के हिसाब से काम नहीं करेंगे तो कल होकर सरकार संविदा पर शिक्षकों को रखकर काम करा लेगी. कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह की शुभकामना देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कॉलेज ने स्वर्णिम 50 साल का सफर तय किया है, अब कॉलेज का एलुमनी बनाने की जरूरत है. जो भी छात्र यहां से पढ़कर अच्छे पद पर काम कर रहे है, उनको एलुमनी में शामिल कर कॉलेज में संसाधन को बढ़ाने के लिए सहयोग लेने की जरूरत है. सरकार वेतन आदि पर खर्च कर रही है, लेकिन आप संसाधन में बढ़ोतरी के लिए बहुत हद तक सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते है. मेरे द्वारा मुजफ्फरपुर में एलुमनी बनाया गया और सबसे सहयोग की अपील की गयी. जिसका काफी सकारात्मक परिणाम आया है, कुछ ऐसा यहां करने की जरूरत है. परंतु उससे पहले इसकी शुरूआत आप सभी लोगों को अपना-अपना योगदान करके करनी होगी. बिहार सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार जिस कॉलेज में यदि किसी विषय के प्राध्यापक नहीं है, वहां एजेंसी के माध्यम से शिक्षकों को रखकर पठन-पाठन का कार्य कर रही है. यह एक अच्छा कदम है. यहां इससे पहले कुलपति का स्वागत महाविद्यालय के प्रवेश द्वार पर भव्य रूप से किया गया. उनके साथ कुलानुशासक डॉ बीएस राय, सीनेटर डॉ प्रमोद कुमार, विश्वविद्यालय सेवा आयोग के सदस्य डॉक्टर अनिल सिन्हा, कॉमर्स के डीन प्रोफेसर प्रेमानंद, रसायन शास्त्र के डॉक्टर अरुण कुमार, एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर मृगेंद्र कुमार, एमजेके कॉलेज के प्राचार्य आरके चौधरी, नरकटियागंज महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुरेंद्र राय, डॉ मनदीप यादव, एसडीएम शिवाक्षी दीक्षित, प्रोफेसर चन्द्रमा सिंह, और डॉ हरिंद्र हिमकर भी मौजूद थे. कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत से हुई, जिसके बाद आगंतुकों को माला पहनाकर और दोशाला ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. इसके बाद कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने ””””नव अवंतिका”””” पत्रिका का विमोचन किया और नव निर्मित परीक्षा भवन का उद्घाटन किया. मौके पर प्रो. प्रकाशचंद्र सिंह, प्रो. कृष्णा कुमार सिंह, प्रो. जीछु पासवान, प्रो. प्रेम प्रकाश, प्रो. अनामिका कुमारी, डॉ. प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, डॉ. प्रो. हजारी प्रसाद गुप्ता, डॉ. काजल कुमारी, डॉ. अमीत कुमार, डॉ. भानू कुमार, प्रो. विरेन्द्र कुमार, डॉ. इंद्रभूषण, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. सफिउल्लाह , प्रधान सहायक कुमार अमीत, नीरज कुमार, लेखापाल शर्मा प्रसाद, रोहित कुमार, उज्जवल मिश्रा, राहुल कुमार, शशि तिवारी, संजीत कुमार सहित अन्य कॉलेज कर्मी मौजूद थे. स्वर्ण जयंती समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अनिता सिन्हा कर रही थी, जबकि संचालन प्रो. कृष्णा सिंह ने किया. कार्यक्रम में नहीं आये कोई जनप्रतिनिधि कुलपति श्री राय ने मंच से इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की कि मंच पर सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य के कई नेमप्लेट लगे है, लेकिन हमारे जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में नहीं आये है. आखिर, हमारे जनप्रतिनिधि कॉलेज से क्यों नाराज है. यह सवाल, यहां के शिक्षकों और बच्चों को उनसे पूछना चाहिए कि आखिर इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उनकी अनुपस्थिति मन को दुखी करती है. साथ ही, उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती मनाया गया, यह अच्छी बात है. लेकिन इस कार्यक्रम के लिए इतना लंबा पंडाल बनाने, कॉरपेट बिछाने की जरूरत नहीं थी. यह कार्यक्रम कॉलेज के सभाकक्ष में हो सकता था, यदि कॉलेज के पास सभाकक्ष नहीं है तो शहर के किसी होटल में मनाया जा सकता था.
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