मोतिहारी. गंडक नदी में घड़ियाल व डॉल्फिन की संख्या बढ़ी है, जिसके घोसलों पर नदी के कटाव व सियार से खतरा है, जिसके सुरक्षा की जरूरत है. तभी इनकी संख्या को और बढ़ायी जा सकती है. उक्त बातें वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के पहला वर्ल्ड स्पेसिस कांग्रेस में उभरकर सामने आयी. कार्यक्रम का मोतिहारी वन प्रमंडल के वन प्रमंडल पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने इस इवेंट का उद्घाटन किया. इसको लेकर जीव वैज्ञानिकों के साथ वन विभाग के अधिकारियों ने बैठक की. मिली जानकारी के अनुसार 2014 में बिहार सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग और डब्लूटीआई ने गंडक नदी में “अति संकटग्रस्त घड़ियाल की रिकवरी ” के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना शुरू की. एक दशक-लंबे संरक्षण प्रयास ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें गंडक नदी में घड़ियाल की प्रजनन की खोज, 2018 से निरंतर घड़ियाल की प्रजनन और विशेषकर 2020-21 के चुनौतीपूर्ण महामारी वर्षों के दौरान घड़ियाल संरक्षण में स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी शामिल होना आवश्यक है. सुब्रत कुमार बेहेरा WTI के परियोजना प्रमुख, ने पावरपॉइंट प्रस्तुति और विडियो डॉक्यूमेंट्रीज के माध्यम से घड़ियाल संरक्षण परियोजना की उल्लेखनीय उपलब्धियों को साझा किया. कहा कि हमें घड़ियाल के घोंसलों को कटाव और सियार जैसे शिकारियों से बचाने, समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने, और घड़ियाल और गंगेटिक रिवर डॉल्फिन, कछुए, जलीय पक्षी और विभिन्न अन्य जलीय प्रजातियों के संरक्षण के लिए नदी के महत्वपूर्ण हिस्सों की सुरक्षा पर काम करने की जरूरत है. गंडक नदी में घड़ियाल संरक्षण परियोजना को बिहार सरकार और हमारे अंतरराष्ट्रीय भागीदार लॉस एंजिल्स चिड़ियाघर, कैलिफोर्निया द्वारा समर्थित है. इस कार्यक्रम में मोतिहारी वनों के क्षेत्र पदाधिकारी श्रीनारायण लाल सेवक ने कार्यक्रम का संचालन किया और वन कर्मचारियों से घड़ियाल और हमारी जैव विविधता के संरक्षण के लिए सामूहिक कार्रवाई करने का आग्रह किया. कार्यक्रम में उपस्थित वन कर्मियों में ओम प्रकाश पटेल, आदित्य कुमार, वसी अहमद, नैना कुमारी, प्रीति कुमार आदि शामिल थे.
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