मोतिहारी. जिले की आबादी करीब 70 लाख है. स्वास्थ्य सेवाओ के लिए चल रहे 40 एम्बुलेंस ही कार्यरत है. ऐसे में हर मरीजों को समय पर एम्बुलेंस की सेवा नहीं मिल पा रहा है. कई बार तो एम्बुलेंस के अभाव में मरीज की मौत भी हो चुकी है. इसको लेकर हंगाम भी हुआ, आक्रोशित भीड़ ने हंगामा के दौरान सरकारी संपती को आग के हवाले कर दिया. जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है.
राज्य स्वास्थ्य समिति इन घटनों के बाद भी सबक नहीं लिया. बताया जाता है कि पूर्वी चंपारण जिले में 78 एम्बुलेंस चलता था, जिसमें बेसीक लाइफ सपोर्ट सहित एडवांस लाइफ सपोर्ट शामिल है. हालात यह है कि आज मात्र 40 एम्बुलेंस ही संचालित है. जिसे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन ने बताया कि 78 एम्बुलेंस में 27 गाड़ियां पुरानी एजेंसी पशुपतिनाथ प्राइवेट ने ले लिया है. दो वाहन थाना में जब्त है. शेष 51 में 11 एम्बुलेंस तकनिकी खराबी के कारण विभिन्न पीएससी में खड़ी है. सदर अस्पताल में छह एम्बुलेंस है, इनमें चार खराब पड़ा है. दो एम्बुलेंस ही सेवा दे रहा है. कहा कि इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति को कईबार पत्र भेजा गया है. अबतक कोई आदेश प्राप्त नहीं है.
नये एजेंसी से हुआ समझौता, चालक संघ ने किया आंदोलन का ऐलान
राज्य स्वास्थ्य समिति और जेएन प्राइवेट लि. कंपनी के बीच एम्बुलेंस सेवा को लेकर नया समझौता हुआ है. जिसके तहत कंपनी के एसीओ एम्बुलेंस के सभी कागजात को पटना ले गये. आश्वस्त किया है कि 1 से 10 नवंबर के बीच नये वाहन उपलब्ध कराये जायेंगे. लेकिन अबतक कोई सुगबुगाहट नहीं है. इसको लेकर एम्बुलेंस चालक आंदोलन के मूड में है. चालकों ने कहा कि अगर पांच दिनों के भीतर नयी वाहन नहीं आयी तो हड़ताल होगा. शनिवार को चालकों ने आपता बैठक किया. जिसमें 10 नवंबर तक कंपनी के द्वारा नये वाहन नहीं दिये जाने पर अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे. बैठक की अध्यक्षता एम्बुलेंस चालक संघ के अध्यक्ष अतुल कुमार ठाकुर ने किया. बैठक में चालक संजय कुमार, राजेश्वर सहनी, संजीव कुमार सहित दर्जनों एम्बुलेंस कर्मी शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है