नर्सरी में धान बिचड़ा गिराने का काम तेज
जिले में खरीफ खेती धान का बिचड़ा गिराने का काम तेजी से चल रहा है. मौसम प्रतिकूल प्रभाव के बाद भी किसान पंपसेट आदि वैकल्पिक साधनों से सिंचाई कर बिचड़ा गिराने में लगे हैं.
मोतिहारी. जिले में खरीफ खेती धान का बिचड़ा गिराने का काम तेजी से चल रहा है. मौसम प्रतिकूल प्रभाव के बाद भी किसान पंपसेट आदि वैकल्पिक साधनों से सिंचाई कर बिचड़ा गिराने में लगे हैं. कृषि विभाग के अनुसार करीब 68 फीसदी बिचड़ा गिराने का काम पूरा हो चुका है. सरकार भी योजनावार किसानों को धान बीज मुहैया कराने में लगा है. इस बार विभिन्न मद योजना के तहत 3574.16 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य है. इनमें 2422.92 क्विंटल बीज का वितरण किया जा चुका है. शेष 1151.24 क्विंटल बीज वितरण किया जाना है. इसके अलावा इस बार मोटा अनाज की खेती बड़े पैमाने पर होगी. इनमें किसानों के बीच ज्वार का 4.60 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है. बाजारा के 12.10 क्विंटल, रागी व महुआ के 14.40 क्विंटल, कोदा, सावा चीना के 10.80 क्विंटल, मक्का के 561.92 वितरण का लक्ष्य के है, जिसके विरूद्ध 66 क्विंटल बीज का वितरण हुआ है. अरहर के 99.50 क्विंटल के विरूद्ध 102 क्विंटल का बीज वितरण किया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी प्रविण कुमार ने बताया कि सभी योजनावार बीज का वितरण शीध्र करने के निर्देश दिये गये है.
योजनावार अनुदानित बीज आवंटन पर एक नजर– मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर बीज मिलेगा. 11 राजस्व ग्राम के दो-दो किसान को आधा एकड़ खेती के लिए 6 किलो धान बीज मिलेगी.
– आरकेवीवाई योजना के तहत 75 एकड़ में धान प्रत्यक्षण का लक्ष्य है. विभाग से धान प्रत्यक्षण के लिए किसानों को निशुल्क धान बीज मिलेगा. एक किसान को एक एकड़ खेती के लिए बीज का लाभ मिलेगा, किसान बीज की खरीदारी करेंगे, विभाग बीज की राशि बैंक खाता में हस्तांतरित करेंगा.
– आरकेभीवाई योजना के तहत अनुदानित धान बीज के लिए ऑन लाइन आवेदन करने वाले किसानों को बीज कीमत का 50 प्रतिशत का अनुदान लाभ मिलेगा. एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर खेती के लिए धान बीज मुहैया होगी.हरी खाद ढैचा का 916 क्विंटल बीज वितरित
मृद्धा स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सरकार हरी खाद ढैचा की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है. पूर्वी चंपारण को 916.80 क्विंटल ढ़ैंचा बीज आवंटन का लक्ष्य मिला है. विभाग के द्वारा लक्ष्य के विरूद्ध 90 फीसदी अनुदान पर ढैचा बीज का वितरण किया जा चुका है. जिला कृषि पदाधिकारी प्रविण कुमार ने कहा कि जिले को प्राप्त ढ़ैंचा बीज का वितरण किसानों के बीच कर दिया गया है. कहा कि खेतों में रसायनिक उर्वरकों का कम उपयोग कर प्राकृतिक हरी खादों का उपयोग अत्यधिक लाभकारी है. सरकार हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं भी चला रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है