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रामायण हत्याकांड का लाइनर गिरफ्तार

पिपरा थाने के बेदीबन मधुबन के रहने वाले नेपाल के लोहा कारोबारी रामायण साह हत्याकांड में लाइनर की भूमिका निभाने वाला बदमाश पकड़ा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2024 10:23 PM
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मोतिहारी.पिपरा थाने के बेदीबन मधुबन के रहने वाले नेपाल के लोहा कारोबारी रामायण साह हत्याकांड में लाइनर की भूमिका निभाने वाला बदमाश पकड़ा गया. गिरफ्तार बदमाश राजा बाबू तुरकौलिया कवलपुर का रहने वाला है. चकिया डीएसपी सत्येंद्र कुमार सिंह ने शनिवार को प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजाबाबू की पहचान सीसीटीवी कैमरे से हुई,जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. उसने पूछताछ में घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकारी है. उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसे कवलपुर के राहुल कुमार उर्फ रवि तथा तुरकौलिया मझार के दिवाकर कुमार ने लाइनिंग के लिए 50 हजार रुपये देने को कहा था. दोनों के कहने पर उसने शूटरों के साथ बेदीबन मधुबन जाकर रामायण साह की पहचान करायी, जिसके बाद शूटरों ने रामायण को गोली मार मौत के घाट उतारा. डीएसपी ने कहा कि राहुल व दिवाकर की गिरफ्तारी के बाद शूटरों की पहचान होगी. शूटरों को राहुल व दिवाकर ने ही रामायण की हत्या के लिए तैयार किया था. घटना के बाद राजा को सिर्फ पांच हजार रुपये ही मिले. राहुल ने उससे कहा कि तुम्हारा फोटो सीसीटीवी में कैद हो गया है. इसके कारण हमलोग भी फंस गये हैं. पांच हजार से ज्यादा रुपये तुम्हें नहीं मिलेगा. छापेमारी में चकिया डीएसपी के साथ पिपरा थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, दारोगा धर्मवीर चौधरी के अलावा जिला आसूचना इकाई की टीम शामिल थी. नया मोबाइल, सीमकार्ड व एक शर्ट मिला था राजा को राहुल ने राजा को घटना के दिन सुबह में बड़ाबरियापुर भेजा. वहां दिवाकर से उसकी मुलाकात हुई. दिवाकर ने उसे नया मोबाइल, नया सिमकार्ड व एक नया शर्ट पहनने के लिए दिया. उसे एक आपाची बाइक भी दिया. बाइक से वह पिपराकोठी पहुंचा. जहां शूटरों को उसने बाइक दी. दुसरी बाइक लेकर राजा बेदीबन मधुबन पहुंचा. शूटरों से रामायण की पहचान के बाद वह वापस लौट आया. राजा एक शादी में पहले बेदीबन गांव गया हुआ था. जिसके कारण पूरे इलाके जानकारी उसे थी. व्यवसाय पर कब्जा के नीयत से भगीना ने करायी थी हत्या नेपाल में रामायण का लोहा का कारोबार था. उसके साथ उसका भगीना ओमप्रकाश भी रहता था. ओमप्रकाश अपने मामा के कारोबार पर कब्जा करना चहाता था. इसके लिए वह पिछले आठ साल से उसकी हत्या की साजिश रच रहा था, लेकिन उसे मौका नहीं मिला रहा था. नाना की मौत के बाद उसे मौका मिला और शूटरों को अपने मामा की हत्या के लिए पांच लाख की सुपारी दे दी. जिसके बाद 28 जुलाई की सुबह रामायण की हत्या कर दी गयी. मामले में मृतक के बहनाई व दो भगीना को पुलिस पहले गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है.

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