मोतिहारी. चोरमा-ढाका, बैरगनिया भारत माला प्रोजेक्ट के तहत 27 मौजा में 24 मौजा पंचार्ट निर्माण कर रैयतों को मुआवजा भुगतान के लिए नोटिश कर दिया गया है. करीब दो हजार रैयत है. साथ ही 21 मौजा का दखल दाहिनी एनएचआई को भूअर्जन विभाग द्वारा सौंपा गया है, जिसका मुआवजा भुगतान एलपीसी अंचल से प्राप्त नहीं होने के कारण लंबित है. इधर पकड़ीदयाल, चिरैया अंचल से करीब 17 एलपीसी मौजा बड़का गांव रमपुरवा, मसहा, शितलपट्टी, रूपहरी आदि का प्राप्त हुआ, जिसके आधार पर रैयतों के बीच करीब एक करोड़ का भुगतान किया गया है. इधर एलपीसी नहीं मिलने से परेशान किसान अधिकारी, राजनेता से लेकर विधायक व सांसद के कार्यालय का चक्कर लगा रहे है. इसको ले पूर्व सांसद आनंद मोहन व भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने भी प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक पहल की है, लेकिन रैयतों का भुगतान अब भी चुनौती है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी से एलपीसी ऑनलाइन बन रहा है, जिसके कारण 1914 के खतियान के आधार पर जमाबंदी कायम है. अधिकांश जमाबंदीधारक स्वर्ग सिधार चुके है. भूमि खतियानी है, आपस में बंटवारा नहीं करने व जमाबंदी पूर्वज के नाम होने के ऑनलाइन एलपीसी नहीं बन पा रहा है. जिसके कारण विभागीय स्तर पर भुगतान लंबित है. इधर किसानों का कहना है कि बगैर भुगतान के एनएचआई सड़क निर्माण कर रही है. पकड़ीदयाल, कठमलिया, रूपहारा, बिसरहिया, खैरवा आदि के किसानाें ने कहा कि यह अन्याय है. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी गणेश कुमार ने बताया कि जो एलपीसी दिया है, उसका भुगतान किया गया है. लोग भुगतान कैंप में भी रूचि नहीं ले रहे है. वैसे अपर मुख्य सचिव राजस्व व भूमि सुधार विभाग पटना को ऑफ लाइन एलपीसी देने के संबंध में आदेश निर्गत करने के लिए अनुरोध किया गया है. अगर आदेश निर्गत हो जाता है तो ऑफ लाइन एलपीसी के आधार पर भुगतान किया जायेगा.
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