मोतिहारी.विलियम शेक्सपीयर की 460वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर बुधवार को ब्लेंडेड मोड में “शेक्सपियर टुडे इन इंडियन कॉन्टेक्स्ट ” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन केविवि के प. राज कुमार शुक्ल सभागार, चाणक्य परिसर केविवि में किया गया. कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक सह अध्यक्ष, कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव और संरक्षक, प्रो. प्रसून दत्त सिंह, डीन, मानविकी एवम भाषा संकाय थे. अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति ने शेक्सपियर की बौद्धिक चपलता और काव्य कौशल पर जोर दिते हुए कहा कि शेक्सपियर वर्गीकरण की अवहेलना करते हैं. उन्होंने शेक्सपियर पर इस तरह के अनुकरणीय संगोष्ठी के लिए अंग्रेजी विभाग को सराहा. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर आरपी. सिंह ने आधुनिक भारतीय समाज में शेक्सपियर की स्थायी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए अपना व्याख्यान दिया. उन्होंने भारत के शेक्सपियर के रूप में कालिदास और इसके विपरीत, थेरेपी में साहित्य, अध्ययन के डेकोलोनाइजेश, एक रूपक के रूप में शेक्सपियर और अन्य भाषाओं में उनके अनुकूलन आदि पर भी ध्यान केंद्रित किया. प्रो. प्रसून दत्त सिंह, डीन, स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड लैंग्वेजेज ने आधुनिक संदर्भ में शेक्सपियर की स्थायी प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए शेक्सपियर और कालिदास के बीच समानताएं चित्रित कीं. कार्यक्रम संयोजक अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. बिमलेश कुमार सिंह ने शेक्सपियर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि शेक्सपियर आज के समय के सबसे ज्यादा स्वीकार किए हुए लेखक हैं और उनके पात्र जीवन के उत्साह से भरे होते हैं. उन्होंने वीर कुंवर सिंह जयंती और हनुमान जयंती पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे हम इन तीनों से प्रेरणा लेकर सबसे बुरे क्षणों में भी स्वयं को सर्वश्रेष्ठ बना सकते हैं. कार्यक्रम को अंग्रेजी विभाग के प्रो.विपिन कुमार सिंह,जेपी विश्वविद्यालय, छपरा के अंग्रेजी विभाग के प्रो. अमरनाथ प्रसाद , आरएमएलएनएलयू के कानूनी अध्ययन विभाग की डॉ अलका सिंह , डॉ. एक्सेंड्रो मैक्सिमिलियन, ई एल ई डिपार्टमेंट, आईटीटीइ, पीजीआरआइबी लैम्पुंग, इंडोनेशिया ने संबोधित किया.कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए एमए अंग्रेजी के लिए प्रवेश विवरणिका लांच की.धन्यवाद ज्ञापन डॉ कल्याणी हाजरी, असिस्टेंट प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग ने प्रस्तुत की.मोैके पर डॉ. उमेश पात्रा, डॉ. कल्याणी हाजरी, बलांडे चंदोबा नरसिंग, डॉ. दीपक , मृत्युंजय आज़ाद, आयुष रंजन, विनीत कुमार और आनंद कुमार आदी उपस्थित थे.
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