मोतिहारी.थानेदारी बचानी है तो काम भी करना होगा, अपराधियों पर नकेल के साथ किसी तरह की घटना होने पर तय समय के अंदर उसका उद्भेदन करते हुए आरोपियों को सलाखों के अंदर करना होगा.उक्त बातें पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात ने कही. उन्होंने कहा कि वे ऐसे थानेदार को बर्दाश्त नहीं करेंगे जिनमें बेहतर पुलिसिंग का विजन नहीं है. उन्हें अमन चैन के साथ विधि व्यवस्था दुरूस्त रखने में सक्षम थानेदार चाहिए. फिलहाल उन्होंने कोटव गोलीकांड में थानाध्यक्ष राजरूप राय के वेतन स्थगित कर दिया है. साथ ही थानाध्यक्ष पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी है. यह कार्रवाई इस लिए की गयी है कि तय समय के अंदर कोटवा बंगरा गोलीाकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि इलाके में किसी तरह की घटना होने के बाद उसके उद्भेदन व आराेपियों की गिरफ्तारी की सबसे बड़ी जिम्मेवारी थानाध्यक्ष की होती है. कहा कि कोटवा बंगरा गोलीकांड में एफएसएल टीम को बुलाया गया. एफएसएल टीम ने घटना पर पहुंच क्राइम सीन की जांच-पड़ताल की. वहां से आश्वयक साक्ष्य एकत्र कर जांच के लिए अपने साथ ले गयी. आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य एकत्र किया जा रहा है. पुलिस का काम सिर्फ आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों तक पहुंचाने का ही नहीं है, ठोस साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तूत कर आरोपियों को सजा दिलाने की जिम्मेवारी भी पुलिस की है. बताते चलें कि शुक्रवार शाम कोटवा बंगरा में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच झड़प के साथ फायरिंग भी हुई थी, जिसमें एक पक्ष के मनीष मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गयी थी. मनीष डुमरियाघाट के रामपुर खजुरिया का मूल निवासी थी. शहर के श्रीकृष्ण नगर मोहल्ला में भी उसका मकान है. घटना को लेकर एक पक्ष के पिंटु मिश्रा के आवेदन पर कोटवा थाने में आठ नामजद व दस अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
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