मोतिहारी.ढाका के चर्चित सिमरन (काल्पनिक नाम) कांड में नौ वर्षो से फरार मुख्य आरोपी मोहम्मद शमीम अख्तर को ढाका पुलिस ने रक्सौल डीएसपी के नेतृत्व में बुधवार को बॉर्डर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया. शमीम मूल रूप से फेनहरा थाना के सिकंदरपुर का रहने वाला है. उसपर सिमरन और उसकी मां को बंधक बना यौन शोषण का आरोप है. एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि ढाका थाना दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट सहित तीन मामलों में पुलिस को शमीम की खोज थी. जिसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने की कार्रवाई की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार सीतामढ़ी रसुलपुर डूमरा की सिमरन और उसकी मां को ढाका आजाद चौक के पास एक घर से बरामदगी व शमीम के नाम के खुलासा के बाद से शमीम फरार चल रहा था. इस दौरान वह 24 नवंबर 2015 को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसपर नेपाल में हत्या और धोखाधड़ी का मामला था. मूलरूप से चोरी की बाइक खरीदने और कबाड़ का दुकान संचालित करने वाला शमीम को तत्कालीन एसपी जितेंद्र राणा ने भी टीम गठित कर नेपाल तक पीछा किया, लेकिन दो देशों के कानूनी कार्रवाई के पेच में नेपाल पुलिस ने हैंडओवर करने का इंकार कर दिया. तबसे मोतिहारी पुलिस शमीम पर नजार गाड़ाये थी. एसपी के नेतृत्व में गठित टीम ने रक्सौल बोर्डर से शमीम को भारतीय सीमा में प्रवेश करते गिरफ्तार कर लिया. दस से फरार की गिरफ्तारी बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है. शमीम की गिरफ्तारी को लेकर विभिन्न संगठनों ने उस समय ढ़ाका बंद कराया था. इसके गिरफ्तारी के बाद शमीम से जुड़े लोगों के चेहरे मायूशी है.
सिमरन कांड में पूर्व में दो जा चुके हैं जेल
ढाका में सिमरन की बरामदगी के बाद पुलिस ने शीतलपट्टी के राजू मियां और करमोहना कुंडवा चैनपुर के मोहम्मद इसरार को पूर्व में जेल भेज चूकी है. मो. शमीम फरार था, जिसपर तुरकौलिया, फेनहरा, मेहसी थाना में चोरी और ढाका थाना में बलत्कार, पॉक्सो एक्ट, धोखाधड़ी का केस दर्ज है.
सिमरन के पिता किसी मामले में सीतामढ़ी जेल में बंद थे, जहां शमीम भी बंद था. पति का खाना जेल गेट ले जाने के क्रम में सिमरन की मां से शमीम की पहचान बढ़ी. इस दौरान शमीम जेल से बाहर आया और उसके पति को निकलाने का झासा दे कर उसे अपने जाल में फंसा लिया. बाद के दिनों में सिमरन व उसकी मां को लेकर ढ़ाका चला आया. जहां उसे कैद कर गलत धंधा कराने लगा.
मेडिकल रिपोर्ट बदलने वाले लिपिक पर गिरी थी गाजसिमरन की बरामदगी के बाद पुलिस ने उसका मेडिकल जांच कराया. चिकित्सीय मेडिकल बोर्ड ने सिमरन को नाबालिग बताया था, जिस रिपोर्ट को बदल कर सीएस कार्यालय में तैनात लिपिक मोहम्मद जिकरूल्लाह ने सिमरन को बालिग बना दिया. मामला प्रकाश में आने पर लिपिक जिकरूल्लाह पर निलंबन की गाज गिरी थी.
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