पहाड़पुर. परसौनी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को अब सोयाबीन की खेती करने को लेकर लगातार यहां के वैज्ञानिक प्रशिक्षण देने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में केवीके के विषय वस्तु विशेषज्ञ वैज्ञानिक डा अंशू गंगवार ने बताया की भारत में सोयाबीन की खेती अधिकतर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ कर्नाटक राजस्थान, गुजरात एवं आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में सबसे अधिक की जाती है. बिहार में सोयाबीन की खेती कम मात्रा में की जाती है. यहां खरीफ ऋतू में अधिकतर धान की खेती की जाती है, लेकिन अब फसल विविधिकरण का समय आ रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से लगायी जाने वाली धान की फसल के साथ ही तेलहन की फसल लगाने की भी आवश्यकता है. सोयाबीन तेलहन के रूप में ली जाने वाली खरीफ ऋतू की फसल है. तिलहन श्रेणी के अंतर्गत आने वाले इस फसल को सरकार की तरफ से भी लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी उद्देश्य की पूर्ति करने की दिशा में डा अरविन्द कुमार सिंह,वरीय वैज्ञानिक व प्रमुख के मार्गदर्शन में पूर्वी चंपारण जिले के पहाड़पुर कृषि विज्ञान केंद्र परसौनी के द्वारा समूह अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण के अंतर्गत लगभग 100 एकड़ क्षेत्रफल में सोयाबीन की खेती का प्रत्यक्षण किसानों के बीच कराने जा रहे है.
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