रक्सौल-हलदिया एक्सप्रेस-वे झारखंड, बंगाल होकर पहुंचेगी हलदिया सी पोर्ट
दाेनों एक्सप्रेस-वे के लिए एलाइमेंट में सुधार व नया डीपीआर को टीम गठित कर दी गयी है.
मोतिहारी. केंद्र में गठित मोदी सरकार ने ऐतिहासिक चंपारण के लिए एक साथ दो सौगात दी है, इसमें रक्सौल-हलदिया एक्सप्रेस-वे तथा दूसरा है गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे. सौगात के साथ रूके हुए कार्य को आगे बढ़ाने में तेजी आ गयी है. दाेनों एक्सप्रेस-वे के लिए एलाइमेंट में सुधार व नया डीपीआर को टीम गठित कर दी गयी है. टीम के रिपोर्ट के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी. यह एक्सप्रेस-वे रक्सौल से निकल कर मोतिहारी शहर के पूर्वी भाग होते हुए मुजफ्फरपुर होकर हलदिया जायेगा. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गेटवे ऑफ नेपाल रक्सौल-हलदिया एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर करीब 55 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है. सरकार के निर्देश के बाद निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. यह 14 जिलों से होकर गुजरेगी, जिसकी दूरी करीब 700 किमी होगा. इसमें बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल के गांव होंगे. भारत माला श्रृंखला-टू के तहत 6-8 लेन में बनने वाली उक्त एक्सप्रेस-वे डीपीआर की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. डीपीआर एलाइंमेंट पूरी होने के साथ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. पड़ोसी देश नेपाल को ज्यादातर माल तीसरे देशाें से आता है, जिसका सुगम मार्ग हलदिया सी पोर्ट है. यहां जहाज से माल उतरने के साथ ट्रक या ट्रेन से रक्सौल के सिरिया ड्राइपोर्ट पहुंचता है, जहां से माल डिलेवरी होने के साथ नेपाल के शहरों में जाता है. अब ऐसे में नेपाल होकर रक्सौल से झारखंड व पश्चिमी बंगाल के लिए भी माल भेजने की सुविधा होगी, जहां तीन प्रदेश बिहार, झारखंड व बंगाल में खुशहाली आयेगी.पड़ोसी देश नेपाल को ज्यादातर माल तीसरे देशाें से आता है, जिसका सुगम मार्ग हलदिया सी पोर्ट है. यहां जहाज से माल उतरने के साथ ट्रक या ट्रेन से रक्सौल के सिरिया ड्राइपोर्ट पहुंचता है, जहां से माल डिलेवरी होने के साथ नेपाल के शहरों में जाता है. अब ऐसे में नेपाल होकर रक्सौल से झारखंड व पश्चिमी बंगाल के लिए भी माल भेजने की सुविधा होगी, जहां तीन प्रदेश बिहार, झारखंड व बंगाल में खुशहाली आयेगी. रक्सौल-हलदिया एक्सप्रेस-वे को पूर्वी चंपारण के अलावा मुजफ्फरपुर, सारण, शेखपुरा, जमुई, बांका आदि जिलों से होकर झारखंड के सरैयाहाटा, नोनीहाट, देवघर, दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ होकर हलदिया पोर्ट पहुंचेगी. इससे इंटरनेशनल बॉर्डर कंनेक्विंटिविटी भी बढ़ेगी.
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