केविवि के डाॅ अंजनी व डाॅ अनुपम के शोध परियोजना प्रस्ताव को मिली मंजूरी
हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव और समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ अनुपम कुमार वर्मा को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, दिल्ली द्वारा शोध परियोजना के लिए अनुदान की स्वीकृति मिली है.
मोतिहारी. हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव और समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ अनुपम कुमार वर्मा को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, दिल्ली द्वारा शोध परियोजना के लिए अनुदान की स्वीकृति मिली है. परिषद् की खोजपूर्ण एवं अनुप्रयुक्त सहयोगात्मक परियोजना के अंतर्गत डॉ श्रीवास्तव मुख्य परियोजना निदेशक और डॉ वर्मा परियोजना सह-निदेशक के रूप में शोध कार्य करेंगे. भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा विजन विकसित भारत @2047 के अंतर्गत शोध परियोजना आमंत्रित की गयी थी. इसके अंतर्गत डॉ. श्रीवास्तव की शोध परियोजना “कहानियों से बीज बैंकों तक :ओडिशा की जनजातियों की देशज भाषाओं, प्रथाओं और पारिस्थितिक ज्ञान का संरक्षण ” का चयन किया गया है. इसके अंतर्गत ओडिशा के तीन जिलों कोरापुट, मयूरभंज तथा सुन्दरगढ़ की जनजातियों की भाषा, संस्कृति, कृषि प्रणाली एवं औषधीय ज्ञान परम्परा का अध्ययन तथा डिजिटलाइजेशन किया जाएगा. महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव तथा डॉ. अनुपम कुमार वर्मा को बधाई दी तथा इस परियोजना को भारतीय ज्ञान परम्परा की दृष्टि से उपयोगी बताते हुए कहा कि देश के संस्थानों का हमारे विश्वविद्यालय के प्रति विश्वास बढ़ा है.विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध है. मानविकी एवं भाषा संकाय के अधिष्ठाता प्रो. प्रसून दत्त सिंह ने हर्ष प्रकट किया तथा शुभकामना देते हुए कहा कि जनजातीय ज्ञान के संरक्षण की दृष्टि से यह परियोजना महत्वपूर्ण होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है