चरस तस्कर को तेरह वर्षों की सश्रम कारावास
विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी के एक मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को तेरह वर्षों का कठोर कारावास एवं दो लाख रुपए अर्थ दंड की सजा दी है.
मोतिहारी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एनडीपीएस एक्ट कोर्ट नंबर-2 के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी के एक मामले की सुनवाई किया है तथा दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को तेरह वर्षों का कठोर कारावास एवम दो लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाया है. अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सजा पर्सा नेपाल पथरिया निचुता निवासी मायालाल हजारा को हुई है. मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड पटना के अधिकारी राहुल कुमार पूर्वे ने न्यायालय में अभियुक्त के विरुद्ध परिवाद दायर किया था, जिसमें कहा था कि 5 मई 2018 को गुप्त सूचना के आधार पर रक्सौल कौड़िहार चौक के समीप एसएसबी जवानों ने संदेह पर एक युवक को झोला के साथ पकड़ा. जांच के दौरान उक्त झोला से 8.5 किलोग्राम चरस बरामद हुआ. पकड़ाए युवक एवम बरामद चरस को एसएसबी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना के अधिकारियों को सौंप दिया. एनडीपीएस वाद संख्या 25/2018 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक निर्मल कुमार ने चार गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एनडीपीएस की धारा 20(बी)ii (सी) एवम 23(सी) में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए. कारागार में बिताए अवधि का समायोजन सजा की अवधि में होगी.
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