दारोगा से नीचे रैंक वाले अब नहीं काट सकेंगे वाहनों का चालान
सड़कों पर अगर वाहन लेकर चल रहे हैं तो यह जानना भी जरूरी है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने पर चालान कौन काट सकता है. सिविल पुलिस में सब इंस्पेक्टर से नीचे के पुलिसकर्मी चालान नहीं काट सकते.
मोतिहारी. सड़कों पर अगर वाहन लेकर चल रहे हैं तो यह जानना भी जरूरी है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने पर चालान कौन काट सकता है. सिविल पुलिस में सब इंस्पेक्टर से नीचे के पुलिसकर्मी चालान नहीं काट सकते. सिपाही केवल गाड़ी को इशारा करके रोक सकते हैं. वे गाड़ी की चाबी भी नहीं निकाल सकते. एसआइ यानी दारोगा रैंक से नीचे के पदाधिकारी किसी प्रकार का ट्रैफिक चालान भी नहीं कर सकते हैं. यहीं नहीं, मोबाइल से फोटो खींचकर उसे हैंड हेडलिंग डिवाइस (एचएचडी) में इंट्री कर भी चालान काटने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी है. जो पदाधिकारी व कर्मी इसका उल्लंघन करेंगे उनपर कानूनी कार्रवाई होगी. इस संबंध में एडीजे ट्रैफिक ने सभी एसएसपी व एसपी को आदेश जारी किया है. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ट्रैफिक नियम के अनुपालन को लेकर मैनुअल चालान की कार्रवाई को पूर्णतः बंद कर सभी जिलों में एचएचडी डिवाइस आवंटित हो चुकी है. सभी एचएचडी डिवाइस में लैंट लॉग और ऑन स्पॉट फोटो लेने की सुविधा भी उपलब्ध है. इस सिस्टम को उसमें एक्टिवेट करते हुए चालान निर्गत करने की जरूरत है.
एचएचडी से प्रत्येक चालान में तिथि, समय, लैट लॉग की स्टांपिंग होना अनिवार्य
मुख्यालय से जारी आदेश के अनुसार कुछ पदाधिकारियों द्वारा ट्रैफिक नियमों के अनुपालन कराने के दौरान मोबाइल से फोटो लेकर उसे एचएचडी में प्रविष्ट करते हुए चालान की कार्रवाई करते हैं. वहीं एसआइ रैंक से नीचे कोटि के पदाधिकारी द्वारा चालान निर्गत किया जा रहा है. इसको लेकर निर्देश दिया गया है कि यह सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार का चालान एसआइ रैंक से नीचे के पदाधिकारी द्वारा निर्गत नहीं हो. इसके साथ ही मोबाइल से फोटो लेकर उसे एचएचडी में इंट्री कर चालान निर्गत करने पर रोक लगायें. एचएचडी से होने वाले प्रत्येक चालान में तिथि, समय, लैट लॉग की स्टांपिंग होनी चाहिए. इसकी अवहेलना करने वाले पदाधिकारी व कर्मियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है.
थानाध्यक्ष व ट्रैफिक पदाधिकारी को एचएचडी डिवाइस है उपलब्ध
शहर में ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात पुलिस के सिपाही मोबाइल से फोटो खींचकर ट्रैफिक विभाग के ग्रुप में डालते हैं इसके बाद उस फोटो के आधार एचएचडी डिवाइस से चालान किया जाता है. वहीं कुछ जगहों पर ट्रैफिक पर तैनात सिपाही इसको लेकर वाहन चालकों को बकझक करते हैं. इसमें कई बार हाथापाई तक की नौबत भी आ चुकी है. जबकि सभी थानाध्यक्ष, ओपी प्रभारी, ट्रैफिक विभाग के पदाधिकारी को एचएचडी डिवाइस उपलब्ध करायी जा चुकी है. साथ ही इसको लेकर उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. हाल के कुछ महीनों में लगातार कई गलत चालान की शिकायत भी मिली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है