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थानों में सड़ रही हजारों जब्त गाड़ियां,लाखों रूपये के बदले लोहा-टीना के भाव मिलेगी कीमत

पूर्वी चंपारण के करीब 55 थाना व ओपी में तकरीबन चार हजार से ज्यादा बड़ी-छोटी गाड़ियां जब्त कर रखी हुई हैं

मोतिहारी. पूर्वी चंपारण के करीब 55 थाना व ओपी में तकरीबन चार हजार से ज्यादा बड़ी-छोटी गाड़ियां जब्त कर रखी हुई हैं. कुछ लावारिस जब्त हुए है तो कुछ आपराधिक मामलों में जब्त किये गये. इन वाहनों में कई सड़ चुके हैं, वहीं कई वाहनों पर तो घास-फूस उग आये हैं. कबाड़ बने ये वाहन थाना परिसर की स्वच्छता पर दाग बने हुए हैं. थाना परिसरों को कबाड़ खाना बना दिया गया है. समय रहते अगर इनकी नीलामी हो जाती तो सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता. अब तो स्थिति यह है कि अगर नीलामी की तो कबाड़ के भाव ही तौलकर ये वाहन बिकेंगे. जिन वाहनों के लाखों रुपये का राजस्व आ सकता था, उसके एवज में अब लोहे-टीन के भाव में तौल से कीमत मिलेगी. विभागीय सूत्रों के अुनसार चुनाव के कारण नीलामी प्रक्रिया करीब ढाई माह से बंद है. नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के साथ जब्त वाहनों की संख्या घटेगी. कई थाना का परिसर जब्ती के वाहनों से भर गया है. नगर थाना परिसर के अलावे मुफसिल, छतौनी ,चकिया रक्सौल, गोविन्द्रगंज, मधुबन, चिरैया, घोड़ासहन आदि थानों में एक के ऊपर एक वाहन लादकर रखे गये हैं. इनके ऊपर पौधों की भेंट चढ़ गयी हैं. कुछ यही हाल जिले के अन्य पुलिस थानों व ओपी का भी है. पुलिस सूत्राें के अनुसार ज्यादा वाहन शराब जब्त मामले के है. पुलिस दो तरह से वाहन जब्ती की कार्रवाई करती है. इसमें वाहन को लावारिस मानकर 25 पुलिस एक्ट में जब्त करती है. इन्हें नीलाम करना आसान है. पुलिस अधिकारी चाहे तो प्रतिवेदन देकर एसडीएम के माध्यम से नीलामी करा सकते हैं. आपराधिक प्रकरण में जब्त वाहनों की नीलामी के लिए न्यायालय में आवेदन पत्र देना पड़ता इता है, जिन वाहनों का न्यायालय से निराकरण हो गया है और कोई लेने वाला क्लेम करने वाला नहीं आता है तो ऐसे वाहनों को राजसात करके नीलाम कराने की अनुमति ली जाती है. इसकी राशि कोर्ट में जमा हो जाती है. विभाग इस प्रक्रिया को बड़ा कठिन मानता है, इसलिए वाहन वर्षों तक रखे रहते हैं. समय-समय पर वाहनों की नीलामी होगी तो इसका लाभ मिलेगा. प्रबुद्ध जनों व कानून के जानकारों का कहना है कि जब्त वाहनों की जब तक नीलामी नहीं हो तब तक रखने के लिए अलग व्यवस्था की जा सकती है. इसके लिए यार्ड बनाया जा सकता है, जहां जब्त किये गये वाहन रखे जा सकते हैं. वहां वाहनों का रखरखाव भी हो सकता है. हालांकि अभी तक इस दिशा में पुलिस विभाग की ओर से किसी तरह की पहल नहीं की गयी है. इससे राजस्व का नुकसान होता है. वैसे पुलिस का कहना है कि कई वाहन कोर्ट प्रक्रिया में होते हैं ,

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