पीपराकोठी.आइसीएआर पीपराकोठी के सभागार में बुधवार को डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के तत्वावधान में 17वें रिसर्च काउंसिल (खरीफ) की तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत की गयी. बैठक में विश्वविद्यालय के दो सौ से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं की समीक्षा की जायेगी. वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि इस तीन दिवसीय सत्र के दौरान बाह्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर अनुसंधान परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जायेगी और उसमें सुधार के लिए जो जरूरी दिशा-निर्देश होंगे. कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों के साथ मिलकर अनुसंधान कर रहे हैं. विश्वविद्यालय पास के कोठिया गांव को सोलर विलेज के एक माडल के रूप में विकसित कर रहा है. नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एके पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों में अतुलनीय प्रतिभा है. डेढ़ वर्ष में बारह पेटेंट हासिल करना आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि कुलपति डॉ पीएस पांडेय के नेतृत्व में डिजिटल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में विश्वविद्यालय पूरे देश को नई राह दिखा रहा है. धारवाड़ कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एम बी चेट्टी ने कहा कि वैज्ञानिकों को अपने डाटा के साथ पूरी ईमानदारी बरतनी चाहिए. कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित तीन पुस्तकों का भी विमोचन किया गया. धन्यवाद ज्ञापन सह निदेशक डा एस के ठाकुर ने किया. मौके पर कुलसचिव डा मृत्युंजय कुमार निदेशक प्रसार शिक्षा, डा एमएस कुंडू , निदेशक बीज डा डी के राय, डीन बेसिक साइंस डा अमरेश चंद्रा, डीन इंजीनियरिंग डा अम्बरीष कुमार, डीन पीजीसीए डॉ मयंक राय , डीन कम्युनिटी साइंस डा उषा सिंह , डॉ प्रणव कुमार, डा महेश कुमार, डा महेश कुमार सूचना पदाधिकारी डा कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न वैज्ञानिक एवं शिक्षक मौजूद थे.
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