बगैर ट्रेड लाइसेंस के पानी का हो रहा कारोबार
पानी जीवन के लिए सबसे अहम है जो इन दिनों सेहत से खिलवाड़ करते हुए कारोबारियों के कमाई का जरिया बनता जा रहा है.
सच्चिदानंद सत्यार्थी, मोतिहारी
पानी जीवन के लिए सबसे अहम है जो इन दिनों सेहत से खिलवाड़ करते हुए कारोबारियों के कमाई का जरिया बनता जा रहा है. तभी तो यह धंधा शहर से लेकर गांव तक खूब फल फूल रहा है. करीब 20 लीटर के डिब्बा बंद पानी जार प्रतिदिन केवल मोतिहारी शहर के करीब 150 कारोबारी द्वारा घरों, व्यवसायिक स्थलों, दफ्तरों, संस्थाओं, प्रतिष्ठानों तक पहुंचाया जाता है. कई कारोबारी सीधे बोरिंग का पानी जार (डब्बा) में ठंडा कर भरने के बाद बेच दे रहे हैं. टंकी में पानी ठंडा करने के लिए लगे तांबे के क्वायल की भी सफाई प्रतिदिन नहीं होती जिसमें जंग व गंदगी भी लगा रहता है. जार पर न तो पैकिंग का डेट नहीं लिखा जाता है. कारोबार के लिए जिन विभागों से अनुमति अनिवार्य है, उनमें नगर निगम, नगर पंचायत बीआइएस, पीएचइडी, नगर निगम खाद्य जांच एजेंसी शामिल है. संचालक लाइसेंस के चक्कर में नहीं पड़, सीधे कारोबार कर रहे हैं. सरकारी स्तर से पेयजल आपूर्ति प्लांट की जांच नहीं की जाती है. वर्तमान में जार के माध्यम से जो पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, उसका अधिकांश प्लांट मापदंड का पालन नहीं कर रहा है.पानी गुणवत्ता जांच का कोई सिस्टम नहीं, सेहत पर बुरा असर
प्लांट संचालन के लिए अनिवार्य मापदंड
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) ने ड्रिंकिंग वॉटर और पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर के लिए मानक तय कर रखा है. पानी में टीडीएस की मात्रा जीरो से 500 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) होनी चाहिए. पीएच लेवल 6.5 से 7.5 होना चाहिए. वाटर प्लांट लगाने के लिए 1500 वर्ग फीट का प्लांट जरूरी है. प्लांट में साफ- सफाई के साथ यूवी ट्रीटमेंट, माइक्रोन, गार्नेट फिल्टर, ओजोनाइजेशन जरूरी है. कर्मचारी साफ कपड़े के साथ हाथ में ग्लव्स, सिर पर कवर कैप, पैर में प्लास्टिक का जूता पहनेंगे.एक भी कारोबारी के पास निगम का ट्रेड लाइसेंस नहीं
नगर निगम मोतिहारी में पानी कारोबार से जुड़े एक भी संचालक के पास वर्ष 2024- 25 का ट्रेड लाइसेंस नहीं है और न किसी ने आवेदन दिया है. विभाग के अनुसार पिछले साल करीब 30 – 40 कारोबारियों ने ट्रेड लाइसेंस लिया था. बगैर ट्रेड लाइसेंस व मानक के पानी का कारोबार करना गलत है.क्या कहते हैं अधिकारी
निजी स्तर पर डिब्बा बंद (जार) पेयजल आपूर्ति करने वालाें प्लांट वालों को निगम व नगर पंचायत से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है. उपभोक्ताओं को सही टीडीएस और जार के साफ सफाई के साथ पानी उपलब्ध कराना है.निगम टीम गठित कर कारोबारियाें के पानी गुणवत्ता व ट्रेड लाइसेंस की जांच करायेगी. किसी भी स्तर पर दोषी पाये जाने पर कार्रवाई तय है.
सौरव सुमन, नगर आयुक्त, नगर निगम मोतिहारी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है