World Biggest Temple : विराट रामायण मन्दिर के दूसरे चरण का काम शुरू, दिखने लगा स्वरूप

World Biggest Temple : विराट रामायण मन्दिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. पाइलिंग का काम पूरा, मुख्य संरचना पर 185 करोड़ खर्च होंगे. 540 फीट चौड़ी, 1080 फीट लंबी और 80 फीट ऊंची मुख्य संरचना होगी. विराट रामायण मन्दिर तीन मंजिला होगा. मुख्य शिखर 270 फीट ऊंचा होगा.

By Ashish Jha | July 10, 2024 7:57 AM
an image

World Biggest Temple : पटना. विराट रामायण मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. 20 जून, 2023 से प्रथम चरण का कार्य प्रारंभ हुआ, जिसमें जमीन के नीचे 100 फुट गहराई तक 3200 भूगर्भ स्तंभों (पाइल) का निर्माण 10 महीनों में पूरा कर लिया गया. जमीन के नीचे काम में काफी कठिनाई होती है, जिसे पूरा किया गया. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने मंगलवार को बताया कि अब दूसरे चरण का कार्य प्रारंभ हुआ है. इसमें पहले प्लिंथ तक का निर्माण होगा, जो करीब 26 फुट की ऊंचाई तक जायेगा. छत का निर्माण होगा, जिसकी लंबाई 1080 फुट तथा चौड़ाई 540 फुट होगी. उसके बाद तीन तलों का निर्माण होगा. प्रत्येक तल 18 फुट ऊंचा होगा. इस प्रकार दूसरे चरण में 1080 फुट लंबा, 540 फुट चौड़ा और 80 फुट ऊंचा निर्माण होगा.

परिसर में होंगे कुल 22 मंदिर

उन्होंने बताया कि इसमें 22 मंदिर होंगे, जिसमें रामायण के महत्वपूर्ण सभी प्रसंग और सभी प्रमुख देवी-देवताओं के मंदिर होंगे. आशा है कि डेढ़ से दो वर्ष के बीच में यह काम पूरा हो जायेगा. दूसरे चरण के निर्माण में 185 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है. तीसरे चरण में शिखर का निर्माण और पूरे मंदिर की सजावट (फिनिशिंग) का कार्य होगा. विराट रामायण मंदिर में कुल 12 शिखर होंगे. मुख्य शिखर 270 फुट ऊंचा होगा. विराट रामायण मंदिर निर्माण कार्य के पर्यवेक्षण का काम टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियरिंग को दी गयी है, जो पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है.

Also Read: Patna Airport: पटना एयरपोर्ट से 24 साल बाद शुरू होगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान, इन देशों के लिए हवाई सेवा जल्द

संसार का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा स्थापित

महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि दूसरे चरण का सबसे कठिन काम है संसार के सबसे बड़े शिवलिंग को अरघा में स्थापित करना है. 33 फुट ऊंचा, 33 फुट गोलाकार और 210 टन वजन के शिवलिंग को महाबलीपुरम से निर्माण स्थल तक लाना और क्रेन से इतने भारी शिवलिंग को अरघा में स्थापित करना बहुत मुश्किल काम है, जिसे हर प्रयास कर पूरा किया जायेगा.

Exit mobile version