एकजुट होकर राष्ट्र की समृद्धि में कृत संकल्पित हैं देश के युवा
महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मानविकी एवं भाषा संकाय के तत्वावधान में ‘सामरिक चुनौतियां और विकसित भारत–2047’ विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया.
मोतिहारी.महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मानविकी एवं भाषा संकाय के तत्वावधान में ‘सामरिक चुनौतियां और विकसित भारत–2047’ विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. प्रसून दत्त सिंह ने की. प्रो. सिंह ने कहा कि भारत भूमि त्याग और समर्पण की भूमि है. यह भूमि ऋषि दधीचि, गार्गी, अपाला की भूमि है. इतिहास साक्षी है कि इस मिट्टी ने विश्व को समभाव एवं बलिदान का संदेश दिया है. भारत वर्ष के ऋषि एवं ऋषिकाओं ने अपने जीवन से विश्व को मानवता का पाठ पढ़ाया है. भारतवर्ष के युवा एकजुट होकर राष्ट्र की समृद्धि में कृत संकल्पित हैं. झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल (प्रो.) राजेश कुमार राष्ट्रीय परिसंवाद के मुख्य वक्ता थे. कहा कि मैं जन्म से भारतीय हूँ.रक्त से सैनिक हूँ. कर्म से शिक्षाविद हूं. प्रो. शिरीष कुमार ने विकास के एलपीजी मॉडल के रूपों उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण को केंद्र में रखकर व्याख्यान दिया. स्वागत करते हुए डॉ. श्वेता ने कहा कि ‘विकसित भारत– 2047’ की संकल्पना में युवाओं का जागरण समाहित है.
राष्ट्रीय परिसंवाद के संयोजक डॉ. श्याम नंदन ने कार्यक्रम की संकल्पना एवं मूर्त रूप देने की यात्रा से जुड़े सभी शिक्षकों, अधिकारियों, श्रोता शोधार्थियों, विद्यार्थियों, सहयोगियों के प्रति आभार प्रकट किया.कार्यक्रम का संचालन सोनू कुमार ठाकुर ने किया.
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