बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के सामने लगे पोस्टर को लेकर बिहार में सियासी बवाल मचा हुआ है. इसी बीच राज्य सभा सांसद और राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद मनोज झा ने प्रभु श्रीराम और धर्म से जुड़े विषय पर अपना और पार्टी का रुख साफ किया है. उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा है कि हर धर्म के प्रति समभाव और जाति के प्रति सम्मान रखना राजद के डीएनए में है. लेकिन मेरी आस्था मेरी निज चीज है. इसका सार्वजनिक प्रदर्शन भगवान को भी परेशान करेगा.
मनोज झा ने भाजपा की बौद्धिक पूंजी को बताया शून्य
मनोज झा ने कहा कि हमारे विधायक (फतेह बहादुर) ने समाज सुधारक सावित्री बाई फुले के मंदिर और विद्यालय के संदर्भ में वंचित समाज को जगाने के लिए दिया था, जिसे मंदिर पर हमला बता रही है. आपत्तिजनक बयानबाजी की जा रही है. दरअसल भाजपा के लोग सावित्री बाई फुले के बारे में जानकारी नहीं रखते होंगे, क्योंकि उनकी ”बौद्धिक पूंजी” शून्य है.
#WATCH | Patna, Bihar: RJD MP Manoj Jha says, " My faith is my personal thing, even God will be distressed by the ungraceful public display of it. If 'Maryada Purushottam' himself comes to earth after January 22 'Pran Pratishtha', he will ask questions to PM Modi. He will ask… pic.twitter.com/dOq2unfsAS
— ANI (@ANI) January 1, 2024
राजद के लोग धर्म को दिल में रखते हैं : मनोज झा
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मनोज झा ने कहा कि हम धर्म को आस्तीन में बांध कर नहीं रखते हैं. राजद के लोग धर्म को दिल में रखते हैं. हमारे राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. बापू के राम हैं. भाजपा तय करे कि वह क्या है? झा ने कहा कि भाजपा के लोग सद्भाव की बात करने वालों की लिंचिंग करा देते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा में देवी-देवता आदि की आलोचना करने की परंपरा रही है.
फतेह बहादुर की बातों को दूसरे अर्थों में किया जा रहा दुष्प्रचारित
मनोज झा ने साफ किया कि हमारे विधायक फतेह बहादुर ने समाज सुधारक सावित्री बाई फुले के संदर्भ में कुछ बातें कहीं, जिसे मंदिर के बारे में दूसरे अर्थों में दुष्प्रचारित किया जा रहा है. विधायक ने वंचित समाज को जागरूक करने के बारे में यह बातें कहीं थीं.
श्रीराम धरती पर आ कर मोदी जी से पूछेंगे सवाल
मनोज झा ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि अगर 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम सचमुच धरती पर आएंगे तो वे मोदी जी से दो-चार सवाल पूछेंगे कि मेरे युवाओं का रोजगार कहां है? देश में इतनी महंगाई क्यों है?
पार्टी हर बयान का समर्थन नहीं करती – मनोज झा
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने दो टूक कहा कि हम पार्टी के रूप में फतेह बहादुर के हर बयान का समर्थन भी नहीं करते हैं. मनोज झा ने ने कहा कि लालू प्रसाद और राजद के लोगों को ईश्वर और मंदिर की जितनी जानकारी है, वह बनावटी नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत का चरित्र महासागर जैसा था, जिसे इन लोगों ने तालाब सा बना दिया है.
राम मंदिर की जगह विश्वविद्यालय खुलना चाहिए था- फतेह बहादुर
इधर, राजद विधायक फतेह बहादुर ने राबड़ी आवास पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा है कि हम 90 फीसदी बहुजन समाज को मनुवादियों / ब्राम्हणों ने शूद्र कहा है. हम हिंदू नहीं है. एक संदर्भ के हवाले से उन्होंने कहा कि रामायण के सभी पात्र काल्पनिक हैं. अयोध्या में राम मंदिर का कोई तथ्य नहीं है. वहां विश्वविद्यालय बनना चाहिए था. मंदिर बनने से केवल मनुवादी पाखंडियों का भला होगा.
पूर्वजों ने शिक्षा और स्वाभिमान की बात कही : फतेह बहादुर
विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मंदिर और मस्जिद की बात नहीं की है. शिक्षा और स्वाभिमान की बात कही है. मैं कहता हूं कि देश के बहुजन समाज के हाथ में धर्म का झंडा नहीं ,कलम और किताब होना चाहिए. कहा कि मेरा यह निजी बयान है. मैं इस पर कायम हूं.
क्या है पोस्टर से जुड़ा विवाद
दरअसल नए साल के पहले दिन राबड़ी आवास के बाहर कुछ बड़े बैनर लगे थे. इन बैनरों में मंदिर को लेकर कुछ विवादित बातें लिखी थी. साथ ही इसमें सावित्री बाई फुले की तस्वीर के साह उनका एक बयां भी लिखा था. साथ ही बैनर में लालू यादव-राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव की तस्वीरें भी थी. इस बैनर की तस्वीर नए साल के पहले दिन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. जिसके बाद विवाद बढ़ गया और भाजपा ने राजद पर जमकर निशाना साधा.
राजद कार्यकर्ता ने जताई बयान पर आपत्ति
इधर, राबड़ी आवास के पास ही खुद को राजद का कार्यकर्ता बताने वाले एक व्यक्ति ने विधायक फतेह बहादुर से आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि आपको आस्था पर बयान नहीं देना चाहिए. इससे पार्टी को और वोट नहीं मिलेगा. इसके बाद उस फतेह बहादुर के समर्थकों ने पहले तो वहां से हटा दिया. बाद में उसके पीछे दौड़े. वह व्यक्ति एक स्कूटर पर बैठकर भाग गया.