Bihar News: भागलपुर में एमएसएमई (MSME Office) का कार्यालय जल्द ही खुलेगा. बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि एक सप्ताह पहले भारत सरकार ने इसके लिए परमिशन दे दिया है .उन्होंने भारत सरकार को पत्र लिखा था कि बिहार इतना बड़ा है कि सिर्फ पटना में ऑफिस खोलने से बिहार में उद्योग धंधों का विस्तार नहीं हो सकता है. इसलिए भागलपुर में एमएसएमई का एक पूर्ण रुपेण कार्यालय खुलना चाहिए. जल्द भागलपुर में एमएसएमई के कार्यालय का उद्घाटन होगा.
उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ पटना से दाउदनगर होते हुए शुक्रवार की रात कैमूर जा रहे थे . इसी क्रम में एन एच 139 के पटना -दाउदनगर रोड स्थित आरएसबीपी पेट्रोल पंप के पास राष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ प्रकाशचंद्रा के नेतृत्व में उनका स्वागत किया गया. उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि पूरे देश में पांच ऐसे राज्य हैं ,जहां इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक किया जाए तो भारत की जीडीपी बढ़ सकती है. इन राज्यों में बिहार भी शामिल है. हमें यह सोचना चाहिए कि पूरे देश में उद्योग के मामले में एक से 10 के अंदर हमारा बिहार कैसे आए. ऐसी प्लानिंग हमें बनानी होगी, ताकि हर जिले के उद्योग खोलने वाले व व्यापार करने वाले लोगों को सम्मान मिले. कहा कि सम्मान मिलेगा तो व्यवसाय बढ़ेगा.
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चाय पर चर्चा के दौरान उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार पूरे देश में छठा ऐसा राज्य है, जो चाय का अधिक उत्पादन करता है. दूसरे राज्यों के चाय की चर्चा सुनी जाती है. बिहार में चाय की फैक्ट्रियां खुल रही हैं. हम सभी को बिहार के चाय को प्रमोट करना चाहिए .कुल्हड़ की चाय को प्रमोट करें.
कृषि की चर्चा करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि सासाराम ,औरंगाबाद, कैमूर क्षेत्र के चावल की सुगंध पूरे देश तक पहुंचती है. मगध व शाहाबाद क्षेत्र चावल में अग्रणी स्थान रखता है. किसानों की समस्याओं का समाधान करते हुए इसे उद्योग के माध्यम से पूरे देश में विकसित किया जा सकता है. यहां के चावल का जी आई टैग अभी तक नहीं हुआ है. सबसे पहले यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि यहां के चावल का जीआई टैग हो.
उद्योग मंत्री ने कहा कि भागलपुर के कतरनी चावल, मधुबनी के मखाना का जीआई टैग हुआ है,उसी तरह इस क्षेत्र के चावल का भी जीआई टैग होना चाहिए. हर जिले में दो से तीन उत्पादों को चुना गया है. कहां पर क्या महत्वपूर्ण है. हम सभी को एक अलग एंगल से सोचना होगा. किसानों की जो भी समस्याएं हैं, उसको चिन्हित करते हुए चौथे कृषि रोड मैप में तैयारी कर रहे हैं .अगले तीन वर्षों में काफी कुछ परिवर्तन देखने को मिलेगा.
(औरंगाबाद से ओम प्रकाश की रिपोर्ट )
Posted By: Thakur Shaktilochan