बिहार: बांका में मुहर्रम के ताजिया जुलूस में दौड़ा करंट, 10 लोग बुरी तरह से झुलसे, अस्पताल में भर्ती

Bihar: बांका में मुहर्रम के जुलूस में करंट दौड़ने की वजह से कई लोग इसकी चपेट में आ गये. घटना सुइया थाना क्षेत्र की है. ताजिया में करंट दौड़ने से 10 लोग झुलस गए. आनन-फानन में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उधर भागलपुर के नवगछिया में दो पक्षों में विवाद छिड़ गया.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 29, 2023 2:52 PM

बांका में मुहर्रम 2023 को लेकर निकाले गए जुलूस में करंट की घटना से हड़कंप मच गया. ताजिया जुलूस के दौरान करंट लगने से 10 लोग झुलस गए. घटना सुईया थाना क्षेत्र अंतर्गत धनुवसार पंचायत के अबरखा गांव के पास की है. जहां जुलूस के दौरान ताजिया बिजली के तार में सट गया और इस दौरान करंट लगने से कई लोग झुलस गए. देखते ही देखते भगदड़ मचने की स्थिति बन गयी. आनन-फानन में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

झुलसे लोग अस्पताल में भर्ती

बांका जिला अंतर्गत सुईया थाना क्षेत्र अंतर्गत धनुवसार पंचायत के अबरखा गांव के समीप ताजिया जुलूस के दौरान शनिवार को करंट लगने से 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे में घायल सभी लोग जेरुआ गांव के रहने वाले हैं. जिन्हें इलाज के लिए कटोरिया रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के अनुसार, लोग बड़ी संख्या में जुलूस में शामिल हुए थे. ताजिया निकाला गया और अचानक एक तार में ताजिया सट गया. जिससे करंट ताजिया में दौड़ गया. इस दौरान कई लोग इसकी चपेट में आ गए.

घायलों की जानकारी..

घायल लोगों में मो इदरीश, मो कमरुद्दीन, मो तनवीर, मो असगर, मो फखरुद्दीन, मो मुख्तार, मो आलम, मो रज्जाक, मो मोइन और मो अमजद शामिल हैं. मेडिकल टीम द्वारा घायलों का प्राथमिक उपचार किया जा रहा है. घटनास्थल पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गए हैं.

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नवगछिया में मुहर्रम जुलूस के दौरान विवाद

वहीं भागलपुर के नवगछिया में मुहर्रम जुलूस के दौरान विवाद हुआ. एक ही समुदाय के दो पक्षों के लोग आमने-सामने हो गए. दोनों पक्षों में जमकर बवाल मचा. इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस मामले पर पहुंची. एक युवक को हिरासत में लिया गया लेकिन उसके समर्थकों ने पुलिस के कब्जे से उसे छुड़ा लिया. एक लड़की के जख्मी होने की सूचना है.

बांका पुलिस की तैयारी..

बता दें कि मुहर्रम को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी की है. बांका के एसपी डॉ सत्यप्रकाश ने सभी थाने को अलर्ट मोड में रखा है. कोई भी जुलूस स्थानीय पुलिस की निगरानी में ही निकल रही है. 329 स्थानों को ताजिया जुलूस निकालने का लाइसेंस दिया गया है. 114 स्थानों पर पहलाम के लिए जगह सुनिश्चित की गयी है. एसडीओ परिसर में जिला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है. यहां 24 घंटे दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल, मेडिकल टीम, अग्निशमन दस्ता सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी है. जुलूस तय रुट से ही निकाला जायेगा, ये सुनिश्चित किया गया है. असामाजिक तत्वों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. साथ ही शांति भंग करने और समाज में भ्रामक वातावरण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की तैयारी है. बेलहर और बांका दोनों एसडीपीओ को दो-दो क्यूआरटी दी गयी है. इसके अलावा विशेषकर मुहर्रम के लिए 1100 पुलिस बल की तैनाती की गयी है. एसपी ने साफतौर पर सभी पुलिस पदाधिकारी को शांतिप्रिय वातावरण में मुहर्रम संपन्न कराने का निर्देश दिया है. इसके अलावा वरीय अधिकारियों को लगातार मॉनीटरिंग व पेट्रोलिंग का निर्देश दिया है

मुहर्रम का लाठी खेलने के दौरान भगदड़

गौरतलब है कि मुहर्रम का लाठी खेलने आए भागलपुर के सन्हौला थाना परिसर में शुक्रवार को भगदड़ मच गई थी जिसमें मुर्गीयाचक और कमालपुर गांव के एक बच्ची जख़्मी हो गयी थी. सन्हौला थाना परिसर में कुछ देर के लिए अफरा- तफहरी का महौल बना रहा,जानकारी के अनुसार प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सन्हौला थाना परिसर में क्षेत्र के कई गोल लाठी खेलने गाजे-बाजे के साथ थाना परिषद पहुंची,पहले से थाना परिसर में लाठी खेल रहे मुर्गीयाचक गांव के गोल पर कमालपुर गांव के गोल के लोगों से धक्का मुक्की शुरू हो गई , मुर्गीचक गांव के गोल के कई लोग गिरने – फछड़ने लगे, कुछ लोगो ने इसी बिच गलतफहमी में थाना परिसर में हजारों की संख्या में आदमी रहने के कारण थाना परिसर में भगदड़ की स्थिति बनी रही,लोग इधर से उधर भागने लगे. मौके पर मौजूद सन्हौला पुलिस ने तुरंत ही मामले को शांत कराया.

भाइचारे के साथ मुहर्रम मनाने की अपील

बिहपुर प्रखंड स्थित खानकाह ए आलिया फरिदिया मोहब्बतिया के सज्जादानशीं हजरत अली कौनैन खॉ फरिदी एवं नायब सज्जादानशीं हजरत मौलाना अली शब्बर खॉ फरिदी ने बताया कि मुसलमानों के लिए मुहर्रम पहला महीना है. इसी माह की दस तारीख को पैगंबर मुहम्मद के नवासे ( नाती )हजरत इमाम हुसैन को और उनके 72 साथियों को करबला में शहीद कर दिया गया था. इमाम हुसैन ने शहीद हो कर इस्लाम की अजमत को बचायी थी. उस दिन से पुरी दुनिया के मुसलमानों के लिये यह दिन यादगार के रूप में मनाया जाता हैं. मुहर्रम के महीने में इमाम हुसैन के नाम से लोग कुरान खानी,नियाज फातिहा व जलसा कर उनको याद करते हैं. इमाम हुसैन की कुर्बानियों को मुसलमान प्रेरणा के रूप में लेकर उनके बताये हुए रास्ते पर चलते हैं. इस्लाम धर्म को मानने वाले के लिए यह महीना महत्वपूर्ण है. सज्जादानशीं ने लोगों को शांति भाइचारे के साथ मुहर्रम मनाने की अपील की है.

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