मुकेश सहनी ने बढ़ा दी भाजपा की टेंशन, गोपालगंज व मोकामा उपचुनाव वीआईपी करेगी राजद का समर्थन
मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा की हार में ही बिहार की जीत है. मोकामा और गोपालगंज का परिणाम, 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव का टेलर होगा. मुकेश सहनी ने गोपालगंज और मोकामा की जनता से कहा है कि अपना कीमती वोट देकर राजद को भारी मतों से विजयी बनाने का काम करें.
पटना. बिहार में दो विधानसभा सीटों के लिए होने जा रहे उप चुनाव में भातीय जनता पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ गयी हैं. सन आफ मल्लाह कहे जानेवाले मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी की नीतियों का एलान कर दिया है. वीआईपी बिहार विधानसभा की दोनों सीटों मोकामा एवं गोपालगंज पर होने जा रहे उपचुनाव में राजद उम्मीदवार को समर्थन देने का एलान कर दिया है.
वीआईपी चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन भाजपा को हराने का काम करेगीवीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने जनता से इन दोनों जगहों पर राजद उम्मीदवार को वोट देने की अपील की है. मुकेश सहनी ने कहा कि दो जगहों से हो रहे विधानसभा उपचुनाव में वीआईपी पार्टी अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही है. वीआईपी दोनों सीट से चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन भाजपा को हराने का काम करेगी.
मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा की हार में ही बिहार की जीत है. मोकामा और गोपालगंज का परिणाम, 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव का टेलर होगा. मुकेश सहनी ने गोपालगंज और मोकामा की जनता से कहा है कि गोपालगंज में राजद प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता और मोकामा में नीलम देवी को अपना कीमती वोट देकर उन्हें भारी मतों से विजयी बनाने का काम करें. उन्होंने कहा कि देश की जनता बेरोजगारी, कमरतोड़ मंहगाई से परेशान है. भाजपा के खिलाफ उनकी पार्टी की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. मुकेश सहनी ने आगामी बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर मोकामा एवं गोपालगंज की जनता से आरजेडी को समर्थन देने की अपील की है.
अति पिछड़े समाज के नेता को आगे बढ़ना नहीं देना चाहती भाजपामुकेश सहनी ने जारी आधिकारिक अपील में यह भी उल्लेख किया है कि निषाद समाज को अनुसूचित जाति के अंतर्गत आरक्षण दिलाना उनका एकमात्र उद्धेश्य है. इसके लिए केंद्र सरकार से लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. बिहार में निकाय चुनाव के लटक जाने को लेकर भी मुकेश सहनी ने भाजपा पर हमला बोला है. मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा के लोग अति पिछड़े समाज के नेता को आगे बढ़ना नहीं देना चाहते है. इसलिए भाजपा एवं कोर्ट के मिली भगत से नगर निकाय में अतिपिछड़ों को प्राप्त आरक्षण पर हमला कराया गया.