तेजस्वी पर बरसे मुकेश सहनी, बोले- ब्रांडेड जूता उतारकर तालाब में उतरिए, तब समझ आयेगी मल्लाह की मेहनत

बिहार विधानसभा के दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में वैसे तो कई मुद्दे हैं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में मछली पकड़ने के बाद उसपर वाद-विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2021 4:18 PM

पटना. बिहार विधानसभा के दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में वैसे तो कई मुद्दे हैं, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में मछली पकड़ने के बाद उसपर वाद-विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के बाद अब सन आफ मल्लाह कहे जानेवाले बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने तेजस्वी पर करारा हमला किया है. मुकेश सहनी ने 2020 की बात याद दिलाते हुए तेजस्वी यादव को खुले तौर पर चुनौती दे डाली.

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तेजस्वी यादव मछली पकड़ने का इतना ही शौक है तो चमकदार कुर्ता-पैजामा, ब्रांडेड जूते उतारकर मेरे साथ तालाब में उतरिए, तब समझ में आएगा कि एक मछुआरे को मछली पकड़ने में कितना मेहनत लगता है. ख़ैर, मछुवारे समाज को 2020 में आपके द्वारा पीठ में भोंका ख़ंजर अच्छे से याद है.

इससे पूर्व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि पढ़ाई में कक्षा छोड़कर 9वीं फेल रहे, वैसे ही जनता से मुंह चुराकर मछली पकड़ने लगे. ललन सिंह ने आगे लिखा कि 2020 में सरेआम मत्स्यजीवी समाज के नेता और वर्तमान कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी की बेइज्जती सबको याद है, लोग जागरूक हैं.

ललन सिंह के वार पर पलटवार करते हुए तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि मत्स्यजीवी समाज को कम आत्मविश्वास वाला और मछली पकड़ने को हेय काम बताने वाले नीतीश कुमार के ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष’ को पूरे मल्लाह समाज से माफी मांगनी चाहिए. ये जदयू-भाजपा वाले अपनी सामंती सोच को बस किसी तरह दबा, छुपा कर बैठे हैं. रह-रहकर वंचितों के प्रति जहर इनके मुंह से निकलता ही रहता है.

तेजस्वी के इस पलटवार पर ललन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मत्स्य समाज के लोगों की चिंता करने वालों को यह तक नहीं मालूम है कि मान-सम्मान क्या चीज होती है. गठबंधन के समय मत्स्य समाज के नेता मुकेश सहनी जी को धोखा देने का काम किया था इन्होंने. अब जब चुनाव आया है तो ड्रामा करने सूट-बूट लगाकर मछली मारने निकले हैं. ये ढोंगी लोग हैं और ढोंगियों को तारापुर की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी.

Posted by Ashish Jha

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