Bihar politics: समाज के लिए शक्तिशाली लोगों से लड़ाई कर रहा हूं, पढ़िए मुकेश सहनी ऐसा क्यों बोल रहे?
Bihar politics मुकेश सहनी अपनी सभा में कह रहे हैं कि जो कोई मल्लाह-निषाद को ओबीसी से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल कराएगा, हम उसके साथ रहेंगे. इस दौरान अपने वोटरों को उनकी ताकत का एहसास कराना भी नहीं भूल रहे हैं. ताकि उनकी गोलबंदी बनी रहे.
संकल्प यात्रा के दौरान मुकेश सहनी बिहार और यूपी की सड़कों पर घुम रहे हैं. अपनी इस यात्रा में उनके समाज के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा भी ले रहे हैं. यात्रा में सहनी हजारों की संख्या में उपस्थित अपने लोगों के हाथ में गंगाजल देकर उनके हक और अधिकार तथा समाज की लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष करने का संकल्प भी दिलवा रहे हैं. सहनी अपने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमलोगों की लड़ाई शक्तिशाली लोगों से है.लेकिन, इस लड़ाई में विजयी प्राप्त करने के लिए सर पर कफन बांधकर निकले हैं.
दरअसल, मुकेश सहनी बॉलीवुड फिल्मों के सेट का डिजाइन करते हुए बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन भी तैयार करने में लगे हैं. अपनी संकल्प यात्रा के सहारे वे दोनों गठबंधनों को अपनी ताकत बताने का प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही अपने 14 फीसदी से अधिक अतिपिछड़ी आबादी खासकर मल्लाहों को हाथ में गंगाजल देकर वोट नहीं बेचने का और वीआईपी को ही वोट देने का संकल्प दिला रहे हैं. सहनी अपनी सभा में कह रहे हैं कि जो कोई मल्लाह-निषाद को ओबीसी से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल कराएगा, हम उसके साथ रहेंगे. इस दौरान अपने वोटरों को उनकी ताकत का एहसास कराना भी नहीं भूल रहे हैं. ताकि उनकी गोलबंदी बनी रहे. वे कहते हैं कि आप ‘वीआईपी’ (विकासशील इंसान पार्टी) पार्टी के कार्यकर्ता हैं. वीआईपी का मतलब समझाते हुए वे कहते हैं, “लोकतंत्र में वीआईपी वही होता है जिसके पास अधिक लोग होते हैं. क्योंकि हम बिहार में 14 फ़ीसदी से अधिक हैं. इसलिए हम अति पिछड़ा आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसलिए हम ‘वीआईपी’ हैं.”
सहनी को वाई श्रेणी की सुरक्षा देकर बीजेपी उनको अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया है. लेकिन,पिछले दिनों दिल्ली में हुई एनडीए की हुई बैठक में सहनी को निमंत्रण नहीं मिला. इससे इस बात की चर्चा भी शुरू हो गई कि दोनों के बीच अन बन है. सहनी इस पर तो कुछ नहीं कहते. लेकिन यह पूछने पर कि आप किसके साथ हैं. वे कहते हैं कि मेरी मांगों जो कोई पूरा कर देगा मैं उसके ही साथ हूं.