मुकेश सहनी का बड़ा दांव, लालू , नीतीश को लेकर हैं सॉफ्ट लेकिन BJP पर तेवर गरम
वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. लेकिन सीएम नीतीश कुमार को लेकर सॉफ्ट हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रास्ते पर चलने की कोशिश करता हूं.
पटना. पूर्व मंत्री मुकेश सहनी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. एनडीए से अलग होने के बाद वे अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने जुटे हैं. वे राजद सुप्रीमों लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार को लेकर सॉफ्ट हैं. लेकिन बीजेपी पर लगातार हमला बोल रहे हैं. मुकेश सहनी ने नीतीश कुमार को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा बिना सहारे के बिहार में नहीं जीत सकती. वीआइपी भले ही आज एनडीए में नहीं है लेकिन हम नीतीश कुमार के साथ हैं.
सीएम नीतीश कुमार को लेकर हैं सॉफ्ट
एनडीए से अलग होने के बाद वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. लेकिन सीएम नीतीश कुमार को लेकर सॉफ्ट हैं. मुकेश सहनी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में हमारे पास 18% वोट है और हम संघर्ष कर रहे हैं. सभी जाति धर्म के लोग हमारे साथ आ जाएंगे तो बिहार में अपने दम पर हम सरकार बना सकते हैं. हमने बोचहा विधानसभा के चुनाव में वोट लाकर अपनी ताकत दिखा दी है.
‘सीबीआई और ईडी कर डर दिखा रही है’
वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के छोटी-छोटी पार्टियों के समाप्त होने वाले बयान पर सहनी ने कहा कि 2014 में जब उनकी सरकार बनी, तो उनका जवानी का समय था. लेकिन अब बुढ़ापे का समय आ गया है. लोकतंत्र में उन लोगों का कोई भरोसा नहीं है. सीबीआई, ईडी का डर दिखाकर लोगों को अपने पक्ष में कर रहे हैं और देश में भय बना रहे हैं. बीजेपी बिहार में 200 सीट जीतकर सरकार बनाना चाहती है. ये बोल कर वो खुश हो रहे हैं, लेकिन 2015 में उनका क्या हुआ था? सबको पता है. सीएम नीतीश कुमार उनके साथ नहीं रहे तो 2015 में क्या हाल हुआ था. ये भी सबको पता है. बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं को चने के झाड़ पर चढ़ा रही है.
‘जातीय जनगणना पर हैं साथ’
लालू यादव को लेकर मुकेश सहनी ने कहा कि समान विचारधारा और गरीब की बात करने वाली पार्टियों के साथ रहा हूं. लालू यादव को मैं फॉलो करता हूं और उनके बताए हुए रास्ते पर चलता हूं. रामविलास पासवान को मैं फॉलो करता हूं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रास्ते पर चलने की कोशिश करता हूं. उन्होंने भी 32 दांत के बीच में रहकर बिहार को बहुत कुछ किया है.