किसी भी सरकारी बैठक में मुखिया पति व सरपंच पति नहीं होंगे शामिल, पंचायती राज मंत्री ने दिया आदेश
कोरोना के कारण बैठकों पर रोक लगा दी गयी है.अब नये सिरे से त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित महिला जनपतिनिधि स्वयं के बजाय किसी पुरुष मनोनीत करने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है.
पटना. पंचायती राज के किसी भी बैठक में अब मुखिया पति (एमपी) और सरपंच पति (एसपी) शामिल नहीं हो सकेंगे. इसके साथ ही पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधि अपने पति या किसी पुरुष प्रतिनिधि को बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत नहीं कर सकती है. पंचायत आम निर्वाचन में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में एक लाख 10 हजार से अधिक महिला जनपतिनिधि निर्वाचित हुई है.
इन सभी प्रतिनिधियों को खुद स्थानीय सरकार की बैठकों में शामिल होना होगा. वह अपनी जगह किसी और पुरुष को अधिकृत नहीं कर सकेंगी. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने इसको लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किया है. इसमे पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वार्ड सभा व ग्रामसभा से लेकर किसी भी स्तर पर विकास कार्यों को लेकर आयोजित बैठकों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधि को ही शामिल होना होगा.
उन्होने कहा कि समय-समय पर अभ्यावेदन प्राप्त होते है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की बैठक में महिलाएं स्वयं भाग न लेकर अपने पति, प्रतिनिधि अथवा संबंधी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराती है. विभाग ऐसी लापरवाही स्वीकार नहीं करेगा. नवगठित स्थानीय सरकार में हर हाल में महिला जनपतिनिधि की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराने की जिम्मेदारी सभी पदाधिकारी को दी गयी है. इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश भी दिया गया है. इसके पहले 15 जनवरी तक हर हाल में नवगठित वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति की बैठक का निर्देश दिया था.
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कोरोना के कारण बैठकों पर रोक लगा दी गयी है.अब नये सिरे से त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित महिला जनपतिनिधि स्वयं के बजाय किसी पुरुष मनोनीत करने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. 8067 ग्राम पंचायतों के मुखिया, एक लाख नौ हजार वार्ड सदस्य, 534 पंचायत समिति और 38 जिला पर्षद के अलावा एक लाख नौ हजार पंच और 8067 सरपंच में आधे से अधिक पदों पर महिला पतिनिधि निर्वाचित है. इसके अलावा प्रमुख और जिला पर्षद अध्यक्ष के पद पर भी महिलाएं निर्वाचित हुई है.