बिहार में मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख और जिप सदस्यों को भी देना होगा संपत्ति का ब्योरा
अब मंत्री एवं विधायकों की तरह त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी के गठन के बाद सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत सभी मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख, जिला पर्षद सदस्य समेत सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा.
पटना. अब मंत्री एवं विधायकों की तरह त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी के गठन के बाद सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके तहत सभी मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख, जिला पर्षद सदस्य समेत सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा.
ब्योरा जिले की वेबसाइट पर अपलोड कराना है
पंचायती राज के निर्वाचित प्रतिनिधियों को चालू वित्तीय वर्ष के 31 मार्च को कट ऑफ डेट मान कर अपनी-अपनी चल -अचल संपत्ति का ब्योरा जिले की वेबसाइट पर अपलोड कराना है. इस संबंध में सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पत्र जारी कर इसे सख्ती से अनुपालन का निर्देश दिया गया.
मंत्री सम्राट चौधरी ने यह जानकारी दी
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने यह जानकारी दी. मंत्री ने बताया कि ग्राम पंचायतों को सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग के साथ अन्य प्रकार की योजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में राशि दी जा रही है.
सभी पदधारक लोकसेवक घोषित
पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 170 के तहत त्रिस्तरीय पंचायतों के सभी पदधारक लोकसेवक घोषित हैं और सभी को चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना जरूरी है. त्रिस्तरीय पंचायत के वैसे लोकसेवक जो वांछित ब्योरा नहीं देंगे ,उनके विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अनुरूप कार्रवाई भी होगी.
बूथों के प्रारूप का प्रकाशन 19 को
पटना नगरपालिका आम चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने बूथों के गठन का कार्यक्रम जारी कर दिया है. आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार सभी नगरपालिकाओं में बूथों के प्रारूप का प्रकाशन 19 जुलाई को कर दिया जायेगा. बूथों का गठन हर वार्ड में किया जाना है. एक बूथ पर अधिकतम एक हजार वोटरों के मतदान की व्यवस्था होगी.
एक-दो किलोमीटर से अधिक की दूर न हो बूथ
राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि बूथों का गठन इस प्रकार से किया जाये, जिससे किसी भी मतदाता को बूथ तक पहुंचने में एक-दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय नहीं करनी पड़े. यह निर्देश दिया गया है कि बूथों का गठन वार्ड के अंदर ही किया जाये. यह ध्यान रहे कि एक भवन में अधिकतम चार बूथों का ही गठन किया जा सकता है.
विवादित स्थल पर न हो बूथ
नगरपालिका चुनाव के लिए स्थापित किये जाने वाले बूथ किसी भी हालत में थाना भवन, मठ-मंदिर, अस्पताल, धार्मिक स्थल या विवादित स्थल पर नहीं हों. सभी बूथों पर बिजली, पानी, शौचालय, रैंप और शेड की व्यवस्था होनी चाहिए. मलीन बस्ती में 250 की आबादी पर भी एक बूथ का गठन किया जा सकता है. इसके अलावा अगर कुष्ठ जैसे विशेष रोग में जहां पर रोगी भर्ती हैं, वहां अस्पताल में ही बूथ की स्थापना की जाये. अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी को पीठीसीन पदाधिकारी और मतदान पदाधिकारी नियुक्त किया जाये.
19 जुलाई तक करना है तय
बूथ यथासंभव सरकारी व अर्द्ध सरकारी भवन में ही बनाये जायेंगे. आयोग ने 19 जुलाई को जिला निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सूचना पट्ट, संबंधित नगर निकाय के कार्यालय, नगर निकाय के निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय के सूचना पट्ट, वार्ड में स्थित डाकघर, अस्पताल या अन्य सार्वजनिक स्थल पर बूथों के प्रारूप का प्रकाशन किया जायेगा.