बिहार के उद्योग विभाग ने सीएम उद्यमी योजना के संदर्भ में कहा कि लाभुकों ने सीएम उद्यमी योजना के तहत प्रदत्त राशि का सही उपयोग नहीं किया है, उन्हें चेतावनी पत्र देकर राशि की वसूली प्रारंभ करें. आवश्यक हो तो एफआइआर करें. बैठक में कहा गया कि सीएम उद्यमी योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को चिह्नित कर उसे पीएमएफएमइ से जोड़ने की जरूरत है. इसे 15 जून तक जोड़ना है.
विभाग ने महाप्रबंधकों से कहा कि तृतीय किस्त प्राप्त लाभुकों में पांच प्रतिशत लाभुकों की इकाइयों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने यह दिशा- निर्देश विभागीय योजना की हाल ही में हुई बैठक में समीक्षा के दौरान दिये हैं.
समीक्षा बैठक में प्रदेश के सभी जिलों की औद्योगिक योजनाओं के क्रियान्वयन के संदर्भ में मई की रैंकिंग जारी की गयी. मई की जिलावार औद्योगिक रैंकिंग में 39 अंकों के साथ शेखपुरा पहले स्थान पर , 35 अंकों के साथ कैमूर ,अररिया और बक्सर संयुक्त रूप से दूसरे और 34 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर खगड़िया जिला रहा. इस तरह की रैंकिंग इस साल से शुरू की गयी है.
जिलावार घोषित की गयी रैंकिंग में 10 अंकों के साथ मधेपुरा अंतिम स्थान पर रहा. अरवल, सुपौल, जहानाबाद एवं मुजफ्फरपुर सबसे निचले पांच जिले रहे हैं. इन सभी जिलों को उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने चेतावनी दी है कि वह अपना प्रदर्शन सुधारें . हाल ही में आयोजित हुई समीक्षा बैठक में लखीसराय, मधेपुरा, सारण, शिवहर, जहानाबाद, कैमूर एवं खगड़िया के उद्योग महाप्रबंधक अनुपस्थित रहे. इसके लिए उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त की.
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बैठक में निर्देश दिये गये कि उद्योग विस्तार के पदाधिकारियों को ईंधन का खर्च दिया जायेगा. इसके लिए वित्त विभाग से सहमति ली जायेगी. अपर मुख्य सचिव ने सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिये हैं कि 2023-24 में निर्धारित लक्ष्यों को 15 जून तक स्वीकृत और 15 जुलाई तक भुगतान सुनिश्चित कर दिया जाये. इसमें वित्तीय मदद का भुगतान जुलाई तक सुनिश्चित करें.