21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

MBBS में भी लागू होगा मल्टी च्वाइस क्रेडिट सिस्टम, एक साथ कई कोर्स कर सकेंगे छात्र

अब एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स भी एक साथ कई कोर्स कर सकते हैं. मेडिकल कॉलेजों में भी मल्टी च्वाइस क्रेडिट सिस्टम पाठ्यक्रम शुरू होंगे. जिसमें एक साथ कई कोर्स किये जा सकते हैं.

अनुराग प्रधान, पटना. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने अपने नये नियमों में नीट यूजी मेरिट लिस्ट के आधार पर देश के सभी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग का प्रस्ताव दिया है. ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशंस (जीएमइआर) 2023 का नया नियम जारी किया है. कई एक्सपर्ट ने कहा है कि स्टेट कोटे के तहत कॉमन काउंसेलिंग संभव नहीं है. अलग-अलग राज्यों में आरक्षण पॉलिसी अलग-अलग है. बिहार में भी बैकवर्ड गर्ल्स के लिए अलग से आरक्षण है. साथ बिहार में नये सत्र से मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षण की व्यवस्था की जा रही है. इस कारण बिहार में कॉमन काउंसेलिंग संभव नहीं है.

कॉमन काउंसेलिंग में थोड़ी परेशानी होगी

गोल संस्थान के एमडी बिपिन सिंह कहते हैं कि कॉमन काउंसेलिंग में थोड़ी परेशानी होगी. अलग-अलग स्टेट का आरक्षण सिस्टम अलग-अलग है. वहीं, नीट यूजी में समान अंक पर फिजिक्स की प्राथमिकता मिलेगी. फिजिक्स के बाद केमिस्ट्री को वरीयता दी जायेगी. जबकि बायोलॉजी की वरीयता को अंतिम स्थान पर रखा गया है. बायोलॉजी की जगह फिजिक्स को वरीयता देना गलत है. फिजिक्स अंतिम में होता था. रंजय सिंह ने कहा कि नीट यूजी में जन्मतिथि में भी बदलाव किया है. अब 31 दिसंबर से हटा कर 31 जनवरी को आधार रखा गया है. हालांकि आयु 17 वर्ष ही रखी है. इसमें काफी स्टूडेंट्स बाहर होने की आशंका में है.

स्टेट काउंसेलिंग की अब तक नहीं ली गयी राय

देश में 695 मेडिकल कॉलेजों में करीब एक लाख छह हजार सीटें हैं. इन सीटों के लिए एक ही काउंसेलिंग इस बार से की जा सकती है. अब तक सेंट्रल और स्टेट की अलग-अलग काउंसेलिंग होती थी. राज्य के 15 प्रतिशत एमबीबीए सीटों पर सेंट्रल काउंसेलिंग से सीटें आवंटित होती है. बाकि के 85 प्रतिशत सीटों पर स्टेट काउंसेलिंग से एडमिशन होता था. अब एक ही काउंसेलिंग करने पर एनएमसी विचार कर रहा है. लेकिन अब तक इस संबंध में स्टेट से कोई राय नहीं ली गयी है. वैसे गजट में कहा गया है कि सरकार सभी स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग और एजेंसी और पद्धति को निर्धारित करने और अधिसूचित करने के लिए एक नामित प्राधिकरण नियुक्त करेगी. नियमों में कहा गया है कि कोई भी चिकित्सा संस्थान इन नियमों का उल्लंघन करते हुए किसी भी उम्मीदवार को स्नातक चिकित्सा शिक्षा (जीएमइ) पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देगा.

एमबीबीएस में भी लागू होगा मल्टी च्वाइस क्रेडिट सिस्टम

अब एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स भी एक साथ कई कोर्स कर सकते हैं. मेडिकल कॉलेजों में भी मल्टी च्वाइस क्रेडिट सिस्टम पाठ्यक्रम शुरू होंगे. जिसमें एक साथ कई कोर्स किये जा सकते हैं. साथ ही सेमेस्टर में क्रेडिट दिये जायेंगे. स्टूडेंट्स को अधिकतम नौ साल तक अपनी एमबीबीएस की डिग्री पूरी कर लेनी होगी. वहीं, अब निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीधे प्रवेश नहीं लिये जायेंगे. ये कॉलेज सीधे प्रवेश लेने पर प्रथम बार में दो करोड़ का जुर्माना लगेगा. जबकि, दूसरी बार ऐसा करने पर मान्यता रद्द की जा सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें