अनुराग प्रधान, पटना
यूजीसी ने नये सत्र में बदलाव को लेकर सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. 45 सेंट्रल यूनिवर्सिटियों के कुलपति के साथ बैठक में यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने सत्र 2023-24 के नये एकेडमिक सत्र की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटियों ने चार साल के डिग्री कोर्स को लागू करने पर सहमति जतायी है.
प्रो एम जगदीश कुमार ने बताया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटियों ने यूजी व पीजी कोर्सेज में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की गाइडलाइंस को लागू करने का निर्णय कर लिया है. इसमें एक साल के बाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा, तीन साल के बाद डिग्री और चार साल के बाद ऑनर्स डिग्री लेने का प्रावधान होगा. एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, एक साथ दो डिग्री की पढ़ाई, इंटर्नशिप, रिसर्च. छात्रों को सामाजिक सरोकार, भारतीय परंपरा व संस्कृति से जोड़ने, वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई और विदेशी विवि के साथ मिलकर ड्यूल डिग्री, एकल डिग्री शुरू करनी होगी. प्रो कुमार ने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत नये सत्र में एडमिशन होगा.
नये सत्र में एडमिशन लेने वाले कर सकते हैं दो कोर्स
सेंट्रल यूनिवर्सिटियों ने दो कोर्स एक साथ किये जाने संबंधी यूजीसी की गाइडलाइंस को अपना लिया है. स्टूडेंट्स दो कोर्स में एडमिशन लेकर ऑफलाइन पढ़ाई भी कर सकते हैं. अगर चाहे, तो एक कोर्स ऑफलाइन और एक कोर्स डिस्टेंस लर्निंग सिस्टम के माध्यम से कर सकते हैं. यूनिवर्सिटियों को ऑनलाइन कोर्स में जोड़ने के लिए स्वयं पोर्टल पर काम करना होगा.
एबीसी लागू करने का निर्देश
सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटियों में एडमिशन सीयूइटी यूजी की मेरिट लिस्ट से होगा. सभी यूनिवर्सिटियों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा. स्टूडेंट्स को भी इसकी जानकारी देनी होगी. सभी को वेबसाइट पर एबीसी की जानकारी अपलोड करनी होगी. ग्रेजुएशन व पीजी प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को उनकी सुविधा के अनुसार मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की सुविधा के साथ एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का लाभ भी देना होगा.
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस लागू करने को कहा
प्रो कुमार ने सभी यूनिवर्सिटियों को प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस को लागू करने को कहा है. इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भर्ती कर सकते हैं. पूर्व छात्रों का भी सहयोग लिया जा सकता है. इसके माध्यम से भी सभी पद जल्द-से-जल्द भरने का निर्देश भी दिया है.
इंटर्नशिप होगा जरूरी
प्रो कुमार ने कहा कि ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स को नये सत्र से इंटर्नशिप अनिवार्य होगी. इसमें छात्रों को किताबी और मार्केट डिमांड के आधार पर कौशल विकास के साथ प्रशिक्षण मिलेगा. इसके अलावा छात्रों को फील्ड में जाकर कम्युनिटी आउटरीच और प्रोजेक्ट पर काम करना होगा. उद्योगों के साथ मिलकर इंटर्नशिप प्रोग्राम चलाये जा सकते हैं. ग्रेजुएशन व पीजी के स्टूडेंट्स को बहुविकल्पीय पढ़ाई का मौका मिलेगा. अधिक-से-अधिक सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स शुरू करने होंगे, ताकि छात्रों के पास अधिक विकल्प मौजूद हो.