बिहार के मुंगेर का चर्चित AK-47 हथियार बरामदगी मामला: 4 साल बाद भी 5 अभियुक्त पुलिस गिरफ्त से दूर
Bihar Crime News: मुंगेर के चर्चित एके-47 हथियार बरामदगी मामले में 10 आरोपितों पर आरोप गठित किये गये. आरोपितों को लेकर पुलिस मुंगेर आई. वहीं इस मामले में अब चार साल के बाद भी 5 अभियुक्त पुलिस गिरफ्त से दूर हैं.
Bihar Crime News: मुंगेर के चर्चित एके-47 हथियार बरामदगी के मामले में सोमवार को बेऊर जेल पटना में बंद 10 बंदियों को मुंगेर में एडीजे-7 विपिन बिहार राय के न्यायालय में पेशी कराया गया. न्यायालय ने सभी 10 बंदियों पर आरोप गठित किया. जिन 10 बंदियों पर आरोप गठित किया गया है वे सभी आरोपी एनआईए कोर्ट पटना के वाद में भी आरोपी है.
पेशी के लिए मुंगेर कोर्ट लाए गये आरोपित
न्यायालय ने सत्र वाद 294 ए /21 में अभियुक्त मो. इमरान, मो. इरफान, पुरूषोतम लाल रजक, उसके पुत्र शैलेंद्र रजक एवं उनकी पत्नी चन्द्रावती देवी, सुरेश ठाकुर, शमशेर आलम उर्फ शमशाद उर्फ वीरो, मो. मंजर, रिजवाना बेगम एवं नियाजुर रहमान पर आरोप गठित किया. सभी आरोपी इस मामले के अलावा एनआईए कोर्ट पटना के वाद संख्या 8/2018 एवं 31/2018 में नामजद होने के कारण बेऊर जेल पटना में बंद हैं. जिनको आज पेशी के लिए मुंगेर कोर्ट लाया गया था.
जमालपुर में बरामद हुआ था तीन एके-47 हथियार
बताया जाता है कि जमालपुर पुलिस ने 29 अगस्त 2018 को गश्ती के दौरान मो.इमरान को तीन एके-47 के साथ हिरासत में लिया था. इस मामले में जमालपुर थाना में कांड संख्या 258/18 दर्ज हुई. जिसमें पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया. अनुसंधान उपरांत 20 अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया. यानी कुल 25 लोगों इस कांड में अभियुक्त बनाये गये.
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20 अभियुक्त किये गये थे गिरफ्तार
पुलिस ने 20 अभियुक्त को गिरफ्तार किया. जिसमें पवन मंडल सहित 11 अभियुक्त बेऊर जेल में बंद थे जिसमें पवन मंडल जमानत बाहर आ चुका है. जबकि मुल सेशन वाद संख्या 294 /21 में मुंगेर जेल में बंद नौ अभियुक्त सादा रिफत, मो. रिजवान, मो.गुलफाम, मो. मुस्ताम , मो. रिजवान, मो गुलफान उर्फ लुकमान एवं आयशा बेगम पर पूर्व में आरोप गठित हो चुके थे. इस मामले में सिर्फ पवन मंडल पर आरोप गठित नहीं हुआ.
अब भी इस कांड के पांच अभियुक्तों की नहीं हुई गिरफ्तारी
बताया जाता हैकि इस कांड में कुल 25 लोगों को अभियुक्त बनाया गया. जिसमें 20 लोग अनुसंधान के क्रम में संलिप्त पाये गये थे. जिनको इस कांड में अप्राथमिकी अभियुक्त अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी ने बनाया है. अब तक इस मामले में 20 अभिुयक्तों की गिरफ्तारी हुई है. लेकिन इस कांड के 5 अप्राथमिकी अभियुक्त को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. जबकि इस मामले के 4 साल बीत चुके है.
Posted By: Thakur Shaktilochan