बिहार के मुंगेर में गंगा पुल पर बनेगा दूसरा रेल पुल, DPR हुआ तैयार, जानिए कब से शुरू होगा निर्माण कार्य..

बिहार के मुंगेर में गंगा पर दूसरा पुल भी बनेगा. 1,600 करोड़ की लागत से जमालपुर-मुंगेर रेलमार्ग का दोहरीकरण किया जाएगा. करीब 14 किलोमीटर तक रेलमार्ग का दोहरीकरण किया जाएगा. इसका डीपीआर तैयार हो चुका है. जानिए कब से निर्माण कार्य शुरू होगा..

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2024 9:16 AM
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बिहार के मुंगेर में गंगा नदी पर दूसरा पुल बनेगा. लगभग 1600 करोड़ रुपये की लागत से जमालपुर-मुंगेर रेल पथ का दोहरीकरण होगा. इसमें मुंगेर गंगा नदी पर दूसरे रेल पुल का भी निर्माण किया जाएगा. इससे इस रेलखंड पर ट्रेनों की आवाजाही बढ़ जाएगी.14 किलोमीटर तक रेलमार्ग का दोहरीकरण होना है. भारतीय रेलवे ने इसे लेकर अपनी तैयारी तेज की है.

जानिए क्या है योजना, क्या होगा इस पुल का फायदा..

बताया गया कि जमालपुर से मुंगेर स्टेशन की दूरी लगभग सात किलोमीटर है. लेकिन दोहरीकरण के क्रम में जमालपुर से 14 किलोमीटर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य किया जायेगा. जमालपुर स्टेशन से सबदलपुर स्टेशन की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है. सबदलपुर स्टेशन से ही बेगूसराय होते हुए तिलरथ स्टेशन और खगड़िया स्टेशन तक का रेलमार्ग विभाजित होता है. ऐसे में जमालपुर से सबदलपुर स्टेशन तक का दोहरीकरण कार्य होना है. क्योंकि जमालपुर से मात्र 14 किलोमीटर के रेलखंड को डबललाइन करना है. ऐसे में जमालपुर से सबदलपुर स्टेशन के दोहरीकरण से जमालपुर से खगड़िया होकर आगे की यात्रा संभव होगी. वहीं जमालपुर से सबदलपुर होते हुए बेगूसराय के रास्ते भी रेलमार्ग का रास्ता भी बढ़ेगा. वहीं रेलवे के मंडल मुख्यालय मालदा से मिली जानकारी में बताया गया है कि रेलमार्ग के दोहरीकरण के उपरांत इस मार्ग के विद्युतीकरण के लिए अलग से कार्य किया जाएगा.

गंगा नदी पर दूसरे रेल पुल का भी होगा निर्माण

जमालपुर से 14 किलोमीटर के रेलमार्ग के दोहरीकरण कार्य के दौरान मुंगेर में गंगा नदी पर दूसरे रेल पुल का भी निर्माण किया जाएगा. मालदा रेल मंडल के जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी में बताया गया कि दोहरीकरण कार्य के लिए तैयार किए गए डीपीआर में गंगा नदी पर दूसरे रेल पुल के निर्माण को भी शामिल किया गया है. हालांकि दूसरा रेल पुल सह सड़क पुल होगा या केवल रेलपुल होगा, इसकी जानकारी नहीं दी गयी है. वर्तमान में मुंगेर रेल पुल पर सड़क मार्ग और रेल मार्ग दोनों सुविधा उपलब्ध है. जबकि मुंगेर रेल पुल पर वाहन का दबाव बना है. ऐसे में यदि दूसरे रेल पुल का निर्माण भी रेल सह सड़क पुल के रूप में किया जा सकता है.

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वर्तमान रेल पुल के निर्माण में लगे थे 14 वर्ष

बता दें कि वर्तमान रेल सह सड़क पुल के निर्माण में लगभग 14 वर्ष का समय लगा था. इस सड़क सह रेल पुल के निर्माण के लिए मुंगेर की जनता के साथ तत्कालीन सांसद ब्रह्मानंद मंडल अनशन पर भी बैठे थे. इसके बाद 26 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने पुल का शिलान्यास किया था. इस पुल की लंबाई 3.750 किलोमीटर है और इसकी चौड़ाई 12.25 मीटर है. इस वर्तमान पुल के निर्माण में लगभग 9,300 करोड रुपए की लागत आई थी. विभिन्न तकनीकी कारणों से 14 वर्षों तक चले निर्माण कार्य के बाद वर्ष 2016 में 11 मार्च को रेल आवागमन आरंभ किया गया. जबकि 11 फरवरी 2022 को विधिवत रूप से सड़क मार्ग भी खोल दिया गया था. बिहार प्रदेश में मुंगेर का श्रीकृष्ण सेतु 18 वां पुल माना गया है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 80 और 33 को जोड़ता है.

कहते हैं अधिकारी

मंडल रेल मुख्यालय मालदा की पीआरओ रूपा मंडल ने बताया कि जमालपुर से मुंगेर रेल खंड होते हुए 14 किलोमीटर रेल मार्ग के दोहरीकरण के लिए 1600 करोड़ का डीपीआर तैयार किया गया है. इसके अंतर्गत मुंगेर में गंगा नदी पर दूसरे रेल पुल का भी निर्माण किया जाना है. उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड से अनुमोदन मिलने के बाद जल्द ही कार्य आरंभ किया जाएगा.

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