ब्रजेश, भागलपुर:
मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन के एक लेन को 31 मई तक चालू करने का लक्ष्य है मगर, इस एक लेन के लिए भी अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. यह इसलिए कि भूअर्जन में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आयी हैं. इस परियोजना में भू-अर्जन की कार्रवाई के तहत अर्जित होने वाली भूमि के थ्री-डी में रकवा हेक्टेयर की जगह एकड़ में प्रकाशित हो गया है और भूस्वामियों का मुआवजा फंस गया है.
तकरीबन 166 करोड़ मुआवजा राशि फंस गयी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री की बैठक में हेक्टेयर के बदले एकड़ प्रकाशित करने का मामला भी उठा है और भू-अर्जन विभाग ने तकनीकी खामियां बता कर इसे स्वीकार भी किया गया है. वहीं, अपर मुख्य सचिव द्वारा सक्षम प्राधिकार भूमि अर्जन एवं परियोजना निदेशक को समन्वय कर मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
भूस्वामियों की आपत्ति सुनने और इसका निबटारा के बाद थ्री-डी की प्रक्रिया अपनायी जाती है. यह प्रक्रिया सीधे तौर पर मुआवाजा राशि के लिए होती है. अब चूंकि मामला फंस गया है, तो थ्री-डी की फिर से पूरी प्रक्रिया अपनायी जायेगी. हालांकि अधियाचना मिल गयी है और अब अधिसूचना जारी होगी. इस प्रक्रिया को पूरी करने में भूअर्जन विभाग को वक्त लगेगा. यह प्रक्रिया जब पूरी होगी, तो ही भूस्वामियों को मुआवजा राशि मिलेगी.
मुंगेर-मिर्जाचौकी के बीच फोरलेन का निर्माण करीब 97.77 किमी में हो रहा है. यह पैकेज-2,3व चार में किया जा रहा है. फोरलेन निर्माण के लिए अबतक 82.77 फीसदी के करीब ही भू-अर्जित हो सकी है. 17.23 फीसदी भू-अर्जन करना बाकी है. भू-अर्जन विभाग के अनुसार करीब 534 हेक्टेयर भू-अर्जित होना है, जिसमें 442 हेक्टेयर भू-अर्जित हुआ है. 92 हेक्टर भूमि अर्जित किया जाना है.
534 हेक्टयर अर्जित होने वाली भूमि के लिए 726 करोड़ मुआवजा राशि भूस्वामियों को दिया जाना है. अबतक में 442 हेक्टयर अर्जित भूमि के लिए 560 करोड़ मुआवजा राशि दी जा सकी है. 92 हेक्टेयर भूमि के लिए करीब 166 करोड़ मुआवजा राशि देना बाकी है.
तकनीकी खामियों के वजह से थ्री-डी में रकवा हेक्टेयर की जगह एकड़ प्रकाशित हो गया था. अधियाचना मिल गयी है. जल्द ही अधिसूचना जारी होगी. फोरलेन अलाइनमेंट में 21 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण नहीं हो सका है. एनएचएआइ से जमीन अधिग्रहण के लिए प्रपोजल मिला है. इसके एवज में 24 करोड़ की राशि मांगी गयी है. छह सदस्यीय कमेटी की बैठक में जब यह फाइनल होगा, तो यह राशि बढ़ भी सकती है.
विनोद कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, भागलपुर
Posted By: Thakur Shaktilochan