Munger Mirzachowki Four Lane Road: मुंगेर से मिर्जाचौकी के बीच 123 किलोमीटर की लंबाई में ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य जारी है. यह सड़क चार फेज में तैयार की जा रही है. पहले और तीसरे चरण पर 1850 करोड़ और दूसरे व चौथे चरण पर 2200 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है. यानी मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क निर्माण में 4050 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है. इस सड़क का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. हालांकि समय-समय पर कई अवरोधों की वजह से सड़क निर्माण कार्य की गति धीमी भी होती रही है. लेकिन इस सड़क के तैयार हो जाने से अंग क्षेत्र के जिलों के विभिन्न शहरों की कनेक्टिविटी काफी मजबूत हो जाएगी. आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार भी तेज होगी.
मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क से कई जिलों को फायदा मिलेगा. भागलपुर को पुराने एनएच 80 पर लगने वाले महाजाम से मुक्ति मिलेगी तो मुंगेर का यह पहला फोरलेन सड़क होगा जो मुंगेर से सुल्तानगंज और भागलपुर होते हुए झारखंड के मिर्जाचौकी को जोड़ेगा.फोरलेन सड़क बनने से इसके दोनों तरफ छोटे, बड़े और मझोले व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी. यह सड़क जब बनकर तैयार हो जाएगी तो कई महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुंचने में आसानी होगी. पर्यटन क्षेत्र में भी काफी बदलाव आएगा. इस सड़क प्रोजेक्ट को अप्रैल 2024 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया था. हालांकि सड़क निर्माण में कई बाधाएं भी सामने आती रही हैं. कहीं जमीन अधिग्रहण तो कई बार मौसम की मार की वजह से सड़क निर्माण की गति प्रभावित होती रही है. जिससे इसके पूरा होने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है.
मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क निर्माण कार्य के पैकेज-दो में सुलतानगंज प्रखंड से बायपास तक का निरीक्षण भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने गुरुवार को किया. एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने डीएम को अवगत कराया कि पैकेज-दो के अंतर्गत बनने वाले 29 किलोमीटर फोरलेन सड़क में से अब तक 12.5 किमी ढलाई का कार्य पूर्ण हो चुका है. शेष कार्य प्रगति पर है. परियोजना निदेशक ने कहा कि जून, 2024 तक पैकेज-दो के 29 किमी में ढलाई का कार्य पूर्ण करा लिया जायेगा. जिलाधिकारी द्वारा निर्माणाधीन फोरलेन सड़क से ही शाहकुंड मोड़ से भागलपुर बाइपास तक की यात्रा की गयी. पाया गया कि विभिन्न स्थानों पर एनएचएआइ द्वारा कार्य किया जा रहा है.
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परियोजना निदेशक व एपको के प्रतिनिधि द्वारा डीएम भागलपुर को अवगत कराया गया कि उक्त पैकेज में कहीं भी भू-अर्जन की समस्या नहीं है. लेकिन कहलगांव एनटीपीसी से फ्लाइ ऐश की नियमित आपूर्ति नहीं होने के कारण कार्य की गति में तेजी नहीं आ पा रही है. डीएम ने परियोजना निदेशक को निर्देश दिया कि फ्लाई ऐश की उपलब्धता व आपूर्ति के संबंध में रिपोर्ट दें. साथ ही फ्लाई ऐश की उपलब्धता के संबंध में 20 जनवरी को एनटीपीसी के वरीय पदाधिकारी के साथ कहलगांव में ही बैठक होगी. बैठक में कहलगांव के एसडीओ, एनएचएआइ के परियोजना निदेशक व एनटीपीसी के वरीय पदाधिकारी रहेंगे.
बता दें कि इस सड़क को बनाने वाली एजेंसियों ने पटना स्थित पदाधिकारी से मुंगेर से मिर्जाचौकी ग्रीन फील्ड फोरलेन हाइवे निर्माण का समय बढ़ाने की मांग की है. अब फरवरी 2025 तक के लिए अतिरिक्त समय की मांग की जा रही है. इसे लेकर काम की स्थिति से अवगत कराने को कहा गया है. परियोजना निदेशक ने एनएचएआइ के इंडिपेंडेंट इंजीनियरों से प्रगति के बारे में जानकारी मांगी है.बता दें कि मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन प्रोजेक्ट का काम मांटे कार्लो और मगध एक्सप्रेसवे कंपनी करा रही है. फ्लाइएश और मिट्टी नहीं मिलने की समस्या के साथ बिजली के पोल भी नहीं हटाये गये हैं.
फोरलेन का काम 30 प्रतिशत भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है. ठंड के कारण अब काम प्रभावित हो रहा है. जबकि अगस्त में कहलगांव तक निर्माण कार्य पूरा कर लेना है. पहले जलजमाव की समस्या से परेशानी बनी रही. भागलपुर के गोराडीह अंतर्गत चौधरीडीह से कहलगांव तक 64 किलोमीटर का काम 1904 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है.
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के परियोजना निदेशक प्रमोद कुमार महतो ने बताया कि किये गये काम और बांकी समय का मूल्यांकन होगा. इसके बाद ही तय किया जायेगा.