Bihar News: मुंगेर सदर अस्पताल (Munger Sadar Hospital) के प्रसव केंद्र में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसमें एक ओर जहां पूरी रात प्रसव केंद्र में ड्यूटी से डॉ निर्मला गुप्ता अनुपस्थित रही. वहीं उनके ड्यूटी पर नहीं होने के कारण सी-सेक्शन की एक गर्भवती के परिजनों को उसका प्रसव सुबह निजी नर्सिंग होम में ले जाकर कराना पड़ा. इतना ही नहीं निजी नर्सिंग होम के बिल के लिये प्रसुता के पति को 10 प्रतिशत सूद पर 40 हजार रूपये कर्ज लेना पड़ा. जिसकी लिखित शिकायत प्रसुता के पति द्वारा सिविल सर्जन से की गयी है.
फरदा के जगदंबापुर गांव निवासी कुंदन कुमार ने बताया है कि 10 नवंबर यानि गुरूवार की रात करीब 9.15 बजे उसने अपनी पत्नी काजल कुमारी को प्रसव के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर ले जाया गया. जहां से उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये उसे बेहतर इलाज के लिये सदर अस्पताल भेज दिया गया. जिसके बाद उसकी पत्नी काजल को अस्पताल के एंबुलेंस से सदर अस्पताल के प्रसव केंद्र में लाया गया. जहां ड्यूटी पर मौजूद नर्स बुलबुल कुमारी एवं क्रांति कुमारी द्वारा उसकी पत्नी को भर्ती कराते हुये बताया कि वार्ड में डॉ निर्मला गुप्ता की ड्यूटी है. लेकिन वो घर चली गयी है.
मरीज के पति ने बताया कि नर्सों के द्वारा पत्नी के कुछ जांच लिखे गये. जिसमें उसके द्वारा अपनी गर्भवती पत्नी का कुछ जांच सदर अस्पताल के आरटीपीसीआर लैब में कराया गया. जबकि कुछ जांच निजी नर्सिंग होम में कराया गया. वहीं रिर्पोट जमा कराने के बाद नर्स क्रांति कुमारी ने डॉक्टर को कॉल कर बुलाने की बात कही. लेकिन सुबह 5 बजे तक डॉक्टर नहीं आयी. जिसके बाद नर्स से पूछे जाने पर बताया गया कि डॉक्टर सुबह 9 से 10 बजे के बीच आयेंगी. इस दौरान उसकी पत्नी इंतजार करते करते बेहोश भी हो गयी. जिसके कारण उसे एक निजी हॉस्पीटल में ले जाया गया. जहां ऑपरेशन से प्रसव कराया गया.
Also Read: Bihar: पूर्णिया गर्ल्स हाई स्कूल में पिस्तौल दिखाकर छात्रा काे अगवा करने का प्रयास, धमकी देकर भागे बदमाश
मरीज के पति ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल का बिल 40 हजार हुआ. जिसे भरने के लिये उसे 10 प्रतिशत सूद पर पैसे उधार लेना पड़ा. कुंदन कुमार ने कहा है कि मैं बहुत ही गरीब आदमी हुं. लेकिन चिकित्सक की लापरवाही के कारण न केवल उसे आर्थिक, बल्कि मानसिक रूप से भी प्रताड़ित होना पड़ा. जिसे लेकर उसने सिविल सर्जन से जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
एक ओर जहां सरकार सुरक्षित प्रसव को लेकर लाखों रूपये पानी की तरह बहा रही है, ताकि गरीब मरीजों को प्राइवेट क्लीनिकों में पैसे खर्च न करना पड़े. वहीं सदर अस्पताल में चिकित्सक की लापरवाही के कारण मरीजों को न केवल आर्थिक, बल्कि मानसिक रूप से भी प्रताड़ित होना पड़ रहा है. वहीं काजल कुमारी का निजी नर्सिंग होम में प्रसव के लिये जाना सदर अस्पताल के कई बड़े लापरवाही की ओर इशारा कर रह रहा है. जिसकी जांच होनी जरूरी है.
सिविल सर्जन डॉ पीएम सहाय ने बताया कि उन्हें अबतक इस संबंध में लिखित शिकायत नहीं मिली है. अगर गर्भवती के परिजनों द्वारा लिखित शिकायत की गयी है तो मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध् कार्रवाई की जायेगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan