कुख्यात अपराधी पवन व संजीव पर एक-एक लाख इनाम घोषित करने को लेकर की गई अनुशंसा

कुख्यात अपराधी पवन व संजीव पर एक-एक लाख इनाम घोषित

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2024 11:46 PM

मुंगेर

वर्षों से फरार चल रहे कुख्यात अपराधी पवन मंडल और हथियार तस्कर संजीव साह को मुंगेर पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है. गिरफ्तारी में नाकाम पुलिस ने अब दोनों अपराधियों के खिलाफ इनाम की राशि बढ़ाने की अनुशंसा की है. पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने दोनों अपराधी पर इनाम की राशि एक-एक लाख करने के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा है.

पवन मंडल पर पहले से घोषित कर रखा है 25 हजार का इनाम

पवन मंडल कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बीचागांव का रहने वाला है. जिसकी गिरफ्तारी मुंगेर पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. वह अगस्त 2022 से पुलिस पकड़ से बाहर है और फरारी के बावजूद मुंगेर में अपना गिरोह संचालित कर रहा है. हाल ही में उसने अपने गुर्गों से अपने ही सहयोगी मंजीत मंडल व उसके चालक चंदन मंडल की हत्या करवा दिया था. इस मामले में भी वह नामजद है. 2 फरवरी 2015 को पवन मंडल ने मकससपुर निवासी पंकज वर्मा की हत्या करवाया था. जिसके बाद वह हत्या, रंगदारी, जमीन पर कब्जा करने लगा. उस पर कासिम बाजार थाना में 14, मुफस्सिल में 3, कोतवाली, धरहरा में 1-1 सहित कई थानों में हत्या, रंगदारी, जमीन पर कब्जा का केस दर्ज है. उसकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी गठित है. बावजूद मुंगेर पुलिस उसे आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है.

संजीव साह पर एनआइए ने दो लाख का इनाम कर रखा है घोषित

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टीकारामपुर निवासी संजीव साह अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर है. जिसकी गिरफ्तारी मुंगेर पुलिस के लिए न सिर्फ चुनौती बना हुआ है. जबकि एनआइए भी उसे आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वह पिछले सात वर्ष से फरार चल रहा है. संजीव साह का बिहार के अलावे झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, असम, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में हथियार का कनेक्शन है. पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश तक वह हथियारों की आपूर्ति करता है. वह बंगाली, पंजाबी, कश्मीरी सहित कई राज्यों का भाषा जानता है. उस पर मुंगेर के अलावे दूसरों राज्यों में भी केस दर्ज है. वह एनआईए का भी वांटेड है. जिसके कारण एनआईए ने उसे फरार घोषित करते हुए उस पर 2 लाख का इनाम घोषित कर रखा है. जिसकी गिरफ्तारी आज तक न तो मुंगेर पुलिस कर सकी है और न ही एनआइए की टीम. आज भी वह हथियार तस्करी का धंधा को अंजाम दे रहा है.

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