संयमित व अनुशािसत रहने को प्रेरित करता है रमजान

मुंगेर : रमजान अजमत, रहमत व बरकतों का महीना है. रमजान का महीना दान करने, पुण्य यानी शबाब कमाने और दरियादिली दिखाने के इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों से भी जुड़ा है. रमजान इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. इसे सब्र यानी संयम को मजबूत करने और बुरी आदतों को छोड़ने का जरिया भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2017 5:43 AM

मुंगेर : रमजान अजमत, रहमत व बरकतों का महीना है. रमजान का महीना दान करने, पुण्य यानी शबाब कमाने और दरियादिली दिखाने के इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों से भी जुड़ा है. रमजान इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. इसे सब्र यानी संयम को मजबूत करने और बुरी आदतों को छोड़ने का जरिया भी माना गया है.

इस्लाम के पांच अन्य स्तंभों में धर्म पर सच्ची श्रद्धा रखना, नमाज पढ़ना, जकात यानी दान देना और हज करना शामिल है. मुसलमान रमजान के महीने में अक्सर दान देते हैं. इसके अलावा मसजिदें और सहायता संगठन हर रोज रात को लोगों को मुफ्त में खाना खिलाते हैं. रोजे रखने को आत्मसंयम के जरिये शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से पवित्र होने के तरीके के तौर पर भी देखा जाता है. इसके अलावा मुसलमानों को इस दौरान संयमित और अनुशासित व्यवहार करने के लिए प्रेरित करता है. इसलिए मर्द, बच्चे, और और वृद्ध रोजे के साथ ही नमाज व तरावीह में मशगूल देखे जा रहे हैं.
बढ़ी रौनक, देर शाम तक लगता है बाजार
इफ्तार के बाद बाजार में खरीदारों की भीड़ लग जाती है. जिसके कारण देर शाम तक बाजार खुला रहता है. बाजार की रौनक देखते ही बनती है. एक ओर जहां सेवई बाजार जम गया है. वहीं दूसरी ओर फलों की बिक्री भी बढ़ गयी है. ईद के लिए कपड़ों की खरीदारी भी बढ़ गयी है. कपड़ों के दुकान पर शाम होते ही भीड़ उमड़ पड़ती है. रईस कुरता, लखनवी कुरता एवं बच्चों के लिए प्रिंस कोर्ट कुरता का डिमांड अधिक है.
इफ्तार के बाद बाजार में खरीदारों की भीड़ लग जाती है. जिसके कारण देर शाम तक बाजार खुला रहता है. बाजार की रौनक देखते ही बनती है. एक ओर जहां सेवई बाजार जम गया है. वहीं दूसरी ओर फलों की बिक्री भी बढ़ गयी है. ईद के लिए कपड़ों की खरीदारी भी बढ़ गयी है. कपड़ों के दुकान पर शाम होते ही भीड़ उमड़ पड़ती है. रईस कुरता, लखनवी कुरता एवं बच्चों के लिए प्रिंस कोर्ट कुरता का डिमांड अधिक है.
सज गयी इत्र की दुकान
ईद को लेकर बाजार में बहुत पहले ही इत्र की दुकानें सज गयी है. कई तरह के कलेक्शन बाजार में आ गया है. गुलाब, जन्नतुल, फिरदौस, अरबियान नाइट, दिवाने खास, हयाती, बेला, जूही इत्र की खरीदारी जोरों पर है. लोग अपने पंसद के इत्र अभी से ही खरीद कर रख रहे हैं. अलग-अलग िकस्म के इत्र बाजार में उपलब्ध हैं िजसकी कीमतें भी ईद को लेकर बढ़ी हुई है. ईद में लोग इत्र का इस्तेमाल भी करते हैं. लोग इत्र खरीदने को लेकर चहलकदमी करते भी िदखते हैं.

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