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ईंट वाला एनएच 80, जिसकी पिछले 43 सालों से नहीं हुई मरम्मत सड़क हादसों से

सहमा रहता है बरियारपुर हमारे संवाददाता पुष्यमित्र ने गुरुवार को मुंगेर के बरियारपुर में एनएच-80 की स्थिति का जायजा लिया. वहां की हकीकत चौंकाने वाली है. पेश है ग्राउंड रिपोर्ट बरियारपुर (मुंगेर) : मोकामा से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के फरक्का तक जाने वाले एनएच-80 का सिर्फ कहलगांव और शिवनारायणपुर के पास ही बुरा हाल […]

सहमा रहता है बरियारपुर

हमारे संवाददाता पुष्यमित्र ने गुरुवार को मुंगेर के बरियारपुर में एनएच-80 की स्थिति का जायजा लिया. वहां की हकीकत चौंकाने वाली है. पेश है ग्राउंड रिपोर्ट
बरियारपुर (मुंगेर) : मोकामा से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के फरक्का तक जाने वाले एनएच-80 का सिर्फ कहलगांव और शिवनारायणपुर के पास ही बुरा हाल नहीं है. इस सड़क में जगह-जगह परेशानियां हैं, गड्ढे हैं और यह टूटी हुई है. इस राष्ट्रीय राजमार्ग का सबसे अजीब हाल मुंगेर जिले के बरियारपुर के पास है, जहां यह सड़क ईंट सोलिंग में बदल गयी है. एक किलोमीटर से अधिक लंबे इस रास्ते में कोलतार या कंक्रीट के बदले 43 साल
ईंट वाला एनएच 80…
पहले ईंटें बिछायी गयी थीं. आज तक एनएचएआइ के अधिकारियों ने इसे पक्का करने की जरूरत नहीं समझी. लिहाजा यहां जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं, जिनमें रोज गाड़ियां फंसती और पलटती हैं.
बरियारपुर बाजार के पास यह सड़क महादेवा स्कूल से शुरू होकर कुमारपुर के पास खत्म होती है. लगभग एक किमी लंबे रास्ते में दर्जनों गड्ढे हैं, एक गड्ढा तो इतना खतरनाक है कि असावधान वाहन इससे टकराकर क्षतिग्रस्त हो जाता है. यहां अक्सर हादसे होते हैं. अमूमन किसी को याद नहीं कि यह ईंट वाली सड़क कब बनी थी. ज्यादातर लोग बताते हैं कि उन्होंने इसे हमेशा से इसी तरह देखा है. एक बुजुर्ग याद करते हुए कहते हैं, इसका निर्माण 1974 में हुआ था. तब से आज तक एक बार भी इसकी मरम्मत नहीं हुई.
दिलचस्प है कि राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार का घर ठीक इस सड़क के पीछे है. हमने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, मगर संपर्क नहीं हो पाया. स्थानीय जिला पार्षद दुर्गेश सिंह कहते हैं, इस सड़क की वजह से यह पूरा इलाका बहुत खतरनाक हो गया है. अक्सर हादसे होते रहते हैं. हमने चार-पांच महीने पहले भी डीडीसी महोदय का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया था. उन्होंने कहा था कि एनएचएआइ के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से कहवा कर इसे पक्का करवायेंगे. मगर आज तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है.
बरियारपुर में सड़क की यह जर्जर स्थिति तो है ही, वहीं भागलपुर में कहलगांव से पीरपैंती के बीच की सड़क की जर्जरता की कोई तुलना नहीं है. कदम-कदम पर गड्ढे हैं. ये गड्ढे इतने बड़े हैं कि चारपहिया वाहन इनमें आधा डूब जाता है. अक्सर इन सड़कों पर वाहन चलते-चलते पलट जाते हैं.
आज एनएचएआइ के चीफ इंजीनियर करेंगे जांच
एनएच-80 की बदहाली को लेकर प्रभात खबर में छपी खबर का असर होने लगा है. खबर छपने के बाद गुरुवार को एनएचएआइ के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजकुमार ने सड़क की जांच की. वहीं, सड़क की जांच के लिए एनएचएआइ के चीफ इंजीनियर भागलपुर पहुंच गये हैं. एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजकुमार ने बताया कि चीफ इंजीनियर शुक्रवार को एनएच-80 की जांच करेंगे और उसके बाद इसके संबंध में फैसला लेंगे.
जांच के पहले मिट्टी से भर िदया शिवनारायणपुर के गड्ढों को
एनएचएआइ चीफ इंजीनियर के दौरे की खबर के बीच गुरुवार की शाम को शिवनारायणपुर चौक पर एनएच-80 के गड्ढे फिर से मिट्टी से भर दिये गये. स्थानीय लोगों ने बताया कि आज एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजकुमार और ठेकेदार पवन यादव सड़क को देखने के लिए शिवनारायणपुर पहुंचे थे.
जांच के पहले मिट्टी…
वहां उनकी मौजूदगी में शाम चार से छह बजे के बीच गड्ढों को फिर से मिट्टी से भर दिया गया. इस बारे में पूछने पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने कहा कि यह ठेकेदार का काम है, इसलिए उसने ऐसा किया है. हालांकि, अभी कल तय होना है कि इस पूरे बाजार के इलाके को पीसीसी सड़क के रूप में ढाला जाये या नहीं. कल इन्हीं कार्यों की समीक्षा के लिए चीफ इंजीनियर आ रहे हैं.

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