मिडिल स्कूल में मची है लूट अधिकारी नहीं देते ध्यान

शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय मोरकाही की स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की सूचना पर पड़ताल किया गया, तो देखा गया कि छह शिक्षक में पांच शिक्षक विद्यालय में उपस्थित थे और 15 से 20 बच्चे विद्यालय प्रांगण में खेल रहे थे. जब वर्ग एक से आठ में नामांकित बच्चों के बारे में विद्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2017 1:18 PM
शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय मोरकाही की स्थानीय जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों की सूचना पर पड़ताल किया गया, तो देखा गया कि छह शिक्षक में पांच शिक्षक विद्यालय में उपस्थित थे और 15 से 20 बच्चे विद्यालय प्रांगण में खेल रहे थे. जब वर्ग एक से आठ में नामांकित बच्चों के बारे में विद्यालय के प्रभारी राजकुमार से पूछे जाने पर जवाब देने से इनकार कर दिया. साथ ही खुले में रसोइया के द्वारा भोजन तैयार किया जा रहा था.
रसोइया गीता देवी से पूछा गया कि कितने बच्चों का खाना बनाया जा रहा है, तो उन्होंने बताया कि 40 बच्चों का खाना बनाया जा रहा है, जबकि समय एक बजे मात्र 15 से 20 बच्चा विद्यालय में खेल रहे थे. जबकि उक्त विद्यालय में वर्ग एक से आठ तक में 389 बच्चें नामांकित है. जबकि मध्यान भोजन के बेवसाइट पर प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा 250 से 270 तक कि रिपोर्ट किया जाता रहा है.
विद्यालय में नहीं है कोई व्यवस्था:
मध्य विद्यालय बरियाही शंकरपुर परसा मुख्य मार्ग पर अवस्थित है और इस मार्ग में दर्जनों सरकारी विद्यालय पड़ता है. रोजाना शिक्षा विभाग के अधिकारी के द्वारा विद्यालय के निरीक्षण के लिए दौरा किया जाता है. फिर भी विद्यालय अपने बदहाली पर आंसु बहा रहा है. स्थानीय ग्रामीण व मुखिया संजय कुमार साह ने बताया कि बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए सरकार प्रयास करते है, लेकिन विद्यालय प्रबंधन के द्वारा अच्छी शिक्षा व व्यवस्था के बजाय विद्यालय की स्थिति को बद से बत्तर बना दिया है.
इस कारण पढ़ने वाले बच्चों विद्यालय आना नहीं चाहता है. जबकि स्कूल की विधि व्यवस्था को लेकर सरकार सालाना लाखों रुपया खर्च करता है, लेकिन धरातल पर उतारने से पहले से राशि का बंदर बांट कर लिया जाता है. जबकि सरकार के द्वारा बच्चों को स्वच्छ व स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराने को लेकर रसोई घर का निर्माण सभी विद्यालय में करवाया, लेकिन इस विद्यालय में खुले में बच्चों के लिए भोजन पकाया जाता है, जो एक अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता है. स्थानीय ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने विद्यालय की विधि व्यवस्था में सुधार करवाते हुए दोषी कर्मी पर कार्रवाई करने की मांग डीएम से की है.

Next Article

Exit mobile version