मुंगेर, प्रतिनिधि : बिहार के मुंगेर में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शान, अपनी आवाज का जादू बिखेरने वाले मंटू मस्ताना आखिरकार अपने पेशे की बेवफाई से टूट गये. छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गीत गाकर कमाई नहीं होती. कई दिनों से ठीक से खाना नहीं मिला है. वे मरणासन्न अवस्था में सदर अस्पताल में इलाजरत हैं. इन दिनों जब सरकार जनता के लिए तरह-तरह की योजना चला रही है. ऐसे में किसी को भोजन भी न मिल पाना शर्मनाक है.
नामचीन गायक हैं मंटू मस्ताना
शहर के मिर्ची तालाब धोबी टोला निवासी 50 वर्षीय मंटू मस्ताना शहर के नामचीन गायक हैं. लेकिन इस पेशे से उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती. परिवार में उनके अलावा सिर्फ बूढ़ी मां है. बताया गया कि पिछले तीन दिनों से मंटू को भोजन का एक निवाला नसीब नहीं हुआ है़ उनकी तबीयत काफी बिगड़ गयी. अपने घर में ही एक खाट पर जिंदगी की आखरी सांसें गिनने लगाे. बूढ़ी मां पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी. पड़ोसी मन्नू रजक, संजय रजक, ब्रह्मदेव रजक आदि ने उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया़
मां के अलावा इस दुनिया में नहीं है कोई
पड़ोसियों ने बताया कि मंटू मस्ताना का उसकी मां के अलावा इस दुनिया में कोई नहीं है़ वह शारीरिक रूप से हमेशा अस्वस्थ्य ही रहता है़ हालांकि उसके गले में सरस्वती का वास है. वह कई नामचीन गायकों की आवाज में गा लेता है़ स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे कार्यक्रमों में गाने का मौका मिलता है, कुछ कमाई हो जाती है़ किंतु उतनी भी कमाई नहीं हो पाती, जिससे वह अपना व परिवार का भरण-पोषण भली-भांति कर सके़
कहते हैं डॉक्टर
ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ राजीव ने बताया कि काफी दिनों से भूखे रहने के कारण मंटू की हालत बिगड़ी है़ इनके खान-पान पर यदि विशेष ध्यान नहीं दिया गया, तो जान भी जा सकती है.