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दो और डाककर्मी हुए निलंबित

गड़बड़झाला. डाक घरों में गबन का बढ़ता जा रहा दायरा, 77 लाख पहुंची राशि महिला डाकघर सहित मुंगेर के विभिन्न उप-डाकघरों में हुए गबन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ज्यों-ज्यों जांच की कार्रवाई आगे बढ़ रही है, त्यों-त्यों गबन की राशि में बढ़तरी हो रही है और डाककर्मियों की संलिप्ता का दायरा भी […]

गड़बड़झाला. डाक घरों में गबन का बढ़ता जा रहा दायरा, 77 लाख पहुंची राशि

महिला डाकघर सहित मुंगेर के विभिन्न उप-डाकघरों में हुए गबन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ज्यों-ज्यों जांच की कार्रवाई आगे बढ़ रही है, त्यों-त्यों गबन की राशि में बढ़तरी हो रही है और डाककर्मियों की संलिप्ता का दायरा भी बढ़ता जा रहा है. अब तक लगभग 77 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आ चुका है. ताजा कार्रवाई में दो और डाक कर्मचारी को निलंबित किया गया है. जबकि पूर्व में महिला डाकघर के इंचार्ज सहित तीन कर्मचारियों का निलंबित किया गया था.
मुंगेर : मुंगेर में एक के बाद एक शाखा डाकघरों में गबन के मामले का खुलासा हो रहा है. विभिन्न शाखा डाकघरों में हुए गबन की जांच में अब तक 77 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है. डाक अधीक्षक ने शहर के बेलनबाजार डाकघर के डाक सहायक वासुदेव ठाकुर एवं वासुदेवपुर शाखा के तत्कालीन डाक सहायक राम किशोर प्रसाद को गबन के मामले में संलिप्त पाये जाने पर निलंबित कर दिया है. विदित हो कि राम किशोर प्रसाद वर्तमान समय में लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा शाखा डाकघर में पदस्थापित है. इस निलंबन के बाद डाक विभाग में खलबली मच गयी है.
पूर्व में तीन डाककर्मी पर गिर चुकी है गाज : जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में मुंगेर शहर के महिला डाकघर से गबन के मामले का खुलासा होना प्रारंभ हुआ. सबसे पहले महिला डाकघर के इंचार्ज तलत सुलताना को निलंबित कर मामले को सलटाने का प्रयास किया. लेकिन जांच की गति जैसे-जैसे बढ़ती गयी. उसके दायरे में और भी डाक कर्मी की संलिप्तता सामने आने लगी. जिसके बाद गबन के मामले में उप डाकपाल रविशंकर चौधरी एवं एक अन्य डाक कर्मी एके हेंब्रम को भी निलंबित कर दिया गया था. अब तक कुल पांच डाक कर्मी निलंबित हो चुके है.
कहते हैं डाक अधीक्षक
डाकअधीक्षक जेपी सिंह ने कहा कि जांच के बाद ही एफआइआर की प्रक्रिया अपनायी जायेगी. एक बात तय है कि इस गबन के मामले में किसी को भी नहीं बख्शा जायेगा.
डाक अधीक्षक के नेतृत्व में चल रही जांच
गबन के मामले की जांच के लिए डाक अधीक्षक जेपी सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. जिसमें डाक निरीक्षक मुंगेर आर भास्कर, जमुई के सहायक डाक अधीक्षक एके मंडल, शेखपुरा के सहायक डाक अधीक्षक आशुतोष कुमार, लखीसराय के डाक अधीक्षक नीरज कुमार चौधरी तथा सिस्टम एडमिन अमरेंद्र कुमार वर्मा शामिल है. जिसके द्वारा लगातार 25 दिनों से जांच की प्रक्रिया चल रही है. जांच का हवाला देकर मामले के बारे में अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. जबकि जांच की आंच से अपना-अपना गिरेबान बचाने के लिए डाक विभाग के वरीय अधिकारी लगे हुए हैं. जिसके कारण अब तक दोषियों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है.
डाककर्मी के यूजर आइडी का होता रहा प्रयोग
गबन के मामले के मुख्य आरोपी महिला डाकघर के इंचार्ज तहत सुलताना के यूजर आइडी के माध्यम से इस घोटाले को अंजाम दिया गया था. विभाग ने ऐसे दर्जनों खातों को सीज कर विभागीय जांच शुरू किया. चार से पांच दिनों के जांच में पांच लाख रुपये गबन की बात सामने आयी. जिसके बाद घोटाले की राशि 77 लाख तक पहुंचने गयी है. महिला डाकघर में सरकारी खाते से धनराशि के गबन का खेल वर्ष 2016 से शुरू किया गया था. डाकघर के इंचार्ज द्वारा अपने स्तर से जिस सन्नी कुमार नामक युवक को अपने मदद के लिए कंप्यूटर ऑपरेट के पद पर रखा था. उसी सन्नी ने तलत सुलताना के यूजर आइडी के माध्यम से सरकारी रकम को अपने निजी खातों एवं फर्जी खातों में ट्रांसफर कर जालसाजी की है.

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