घोटाला. मेडिकल छुट्टी पर गये डाक अधीक्षक, नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी
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डाक विभाग के गबन की जांच पूरी, 92 लाख तक पहुंची राशि
घोटाला. मेडिकल छुट्टी पर गये डाक अधीक्षक, नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी मुंगेर शहरी क्षेत्र के विभिन्न डाकघरों में हुए गबन मामले की जांच पूरी हो गयी है. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट पटना कार्यालय भेज दिया गया. जांच में अब तक 92 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है. इस गबन मामले में […]
मुंगेर शहरी क्षेत्र के विभिन्न डाकघरों में हुए गबन मामले की जांच पूरी हो गयी है. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट पटना कार्यालय भेज दिया गया. जांच में अब तक 92 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है. इस गबन मामले में अब तक पांच डाक कर्मी पर निलंबन की कार्रवाई भी हुई है. लेकिन अब तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. इधर डाक अधीक्षक जेपी सिंह के मेडिकल छुट्टी पर चले गये हैं.
मुंगेर : महिला डाक घर में हुए गबन मामले की जांच 28 जुलाई से प्रारंभ हुई थी.
धीमी गति से हुई जांच में एक के बाद एक शाखा उप डाकघरों में गबन का मामला सामने आते चला गया. डाक विभाग के सूत्रों की माने तो 2 सितबंर को जांच स्थानीय स्तर पर पूरी हो गयी है. जिसमें 92 लाख रूपये का गबन पकड़ा गया. जांच टीम की रिपोर्ट को डाक अधीक्षक जेपी सिंह द्वारा पटना मुख्यालय को भेज दिया है.
लेकिन स्थानीय जांच के आधार पर अब तक संबंधित थाना में दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. जबकि पांच डाककर्मियों को अब तक गबन में दोषी पाते हुए डाक अधीक्षक ने अपने स्तर से कार्रवाई करते हुए निलंबित भी कर दिया है.
मेडिकल छुट्टी पर गये डाक अधीक्षक
इधर जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद डाक अधीक्षक जेपी सिंह मेडिकल छुट्टी पर चले गये हैं. उनके स्थान पर भागलपुर सब डिविजन के डाक अधीक्षक को मुंगेर का प्रभार दिया गया है. लेकिन अब तक वे मात्र एक दिन ही मुंगेर कार्यालय में अपना समय दिया है. जिसके कारण जांच के संबंध में डाक विभाग के कोई कर्मचारी कुछ भी बाताने को तैयार नहीं है. जांच में शामिल एक अधिकारी मिले तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि डाक अधीक्षक से ही आप पूछताछ करें. हमलोग कुछ भी बातने में असमर्थ है.
पांच कर्मी निलंबित
वैसे अब तक महिला डाकघर के इंजार्च तहत सुलताना, उपडाकपाल रविशंकर चौधरी, एके हेम्ब्रम, बेलनबाजार डाकघर के डाक सहायक वासुदेव ठाकुर एवं वासुदेवपुर शाखा के तत्कालीन डाक सहायक राम किशोर प्रसाद को गबन मामले में दोषी पाते हुए निलंबित किया जा चुका है.
आखिर क्यों नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी
पांच सदस्यीय टीम ने जांच कर रिपोर्ट पटना मुख्यालय को भेज दिया. लेकिन स्थानीय स्तर पर संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है. जबकि अमूमन यह देखा गया कि जैसे ही जांच रिपोर्ट में गबन का मामला आता है तो संबंधित थाना में संबंधित अधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर इत्तला कर दी जाती है. लेकिन डाक विभाग के जांच में गबन और पांच-पांच डाककर्मियों की संलिप्तता मिलने पर निलंबन की कार्रवाई हुई. लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. जो सवालों को जन्म दे रहा है.
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