बूचड़खाना बंदोबस्ती के नाम पर घोटाला
मुंगेर : नगर निगम मुंगेर विभिन्न घोटालों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहा है. कभी कचरा के नाम पर राशि का घोटाला, तो कभी फिटकिरी घोटाला होता रहा. अब एक बार फिर निगम प्रशासन कटघरे में आ गया है. क्योंकि इस बार बूचड़खाना बंदोबस्ती के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किया गया. जिला इत्तेहाद […]
मुंगेर : नगर निगम मुंगेर विभिन्न घोटालों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहा है. कभी कचरा के नाम पर राशि का घोटाला, तो कभी फिटकिरी घोटाला होता रहा. अब एक बार फिर निगम प्रशासन कटघरे में आ गया है. क्योंकि इस बार बूचड़खाना बंदोबस्ती के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किया गया. जिला इत्तेहाद कमेटी के संरक्षक सह राजद नेता जफर अहमद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है.
जफर अहमद ने कहा कि शहर के वार्ड संख्या 21 के पूरबसराय स्थित बूचड़खाना की बंदोबस्ती वर्ष 2012-13 के बाद नगर निगम मुंगेर से नहीं की गयी है. जिसकी पुष्टि नगर निगम में 26 अगस्त 2017 को सशक्त स्थायी समिति की बैठक हुई. जिसके प्रस्ताव संख्या 4 में यह दर्शाया गया है, कि बूचड़खाना की बंदोबस्ती वर्ष 2012-13 के बाद नहीं हुई है. लेकिन नगर निगम द्वारा वर्ष 2014-15 की बंदोबस्ती दिखा कर 2 अप्रैल 2014 को रसीद संख्या 1837 के माध्यम से 24 हजार 825 रुपया वसूला गया है.
अब सवाल यह उठता है कि जब 2012-13 के बाद नगर निगम द्वारा बूचड़खाने की बंदोबस्ती ही नहीं की गयी तो फिर कैसे बंदोबस्ती रसीद काटी गयी. क्या नगर निगम इस बंदोबस्ती के नाम पर अवैध वसूली करती रही और यह राशि निगम खजाना के बदले निजी पॉकेट में जाता रहा. यह जांच का विषय है. क्योंकि इस प्रकार यहां कई मामलों में घोटाला होता रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से इस घोटाले की जांच सक्षम एजेंसी से कराने की मांग की है. ताकि दोषियों को सजा मिल सके.
कहते हैं अधिकारी
मुंगेर के नगर आयुक्त श्यामल किशोर पाठक ने कहा कि बूचड़खाने की बंदोबस्ती वित्तीय वर्ष 2012-13 तक ही हुई है. लेकिन किस परिस्थिति में नगर निगम द्वारा 2014-15 का रसीद काट कर राशि वसूला गयी है. यह जांच का विषय है. उनके समक्ष जब मामला आयेगा, वे देखेंगे. वैसे बूचड़खाना संचालन के संदर्भ का एक मामला जिला लोक शिकायत निवारण केंद्र में चल रहा है.