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अवैध संबंध का विरोध करने पर पत्नी की हत्या कर दफनाया, इंदिरा आवास को लेकर बहनोई को मार डाला

मुंगेर : धरहरा प्रखंड में रिश्ता तार-तार हो गया. धरहरा थाना क्षेत्र के अदलपुर गांव में जहां एक पति ने पत्नी की हत्या कर शव को बहियार में गड्ढे में दफना दिया, वहीं लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के राजाराजपुर स्थित महादलित बस्ती में एक कमरे के लिए साले ने अपने ही बहनोई की पीट-पीट कर हत्या […]

मुंगेर : धरहरा प्रखंड में रिश्ता तार-तार हो गया. धरहरा थाना क्षेत्र के अदलपुर गांव में जहां एक पति ने पत्नी की हत्या कर शव को बहियार में गड्ढे में दफना दिया, वहीं लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के राजाराजपुर स्थित महादलित बस्ती में एक कमरे के लिए साले ने अपने ही बहनोई की पीट-पीट कर हत्या कर दी. महिला का शव तो पुलिस ने बरामद कर लिया और हत्यारे पति को भी गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, मृतक बहनोई के शव को ग्रामीणों ने जंगल में जला दिया.

अवैध संबंध का विरोध बना कारण

धरहरा थाना क्षेत्र के अदलपुर गांव निवासी सेंटू चौधरी ने अवैध संबंध का विरोध करने के कारण पत्नी प्रतिमा देवी की हत्या कर दी. हत्या करने के बाद उसके शव को अदलपुर बहियार में एक गड्ढे में दफन कर दिया. घटना की सूचना मिलने पर धरहरा थानाध्यक्ष दूबे देवगुरु घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कीचड़ युक्त गड्ढे से बाहर निकाल कर अंत्यपरीक्षण के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. मृतका की मां प्रमिला देवी के बयान पर थाने में प्राथिमकी दर्ज करायी गयी है. उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पूर्व प्रतिमा की शादी सेंटू चौधरी के साथ की गयी थी. सेंटू परिवार का भरण-पोषण भी नहीं करता था. साथ ही कई महिलाओं से उसका अवैघ संबंध था. इसका मेरी बेटी विरोध करती थी. अवैध संबंध में रोड़ा बनी पुत्री की दामाद ने हत्या कर दी. यह हत्या दुर्गा पूजा के दौरान ही सेंटू ने अपने सहयोगियों के मदद से की. इधर, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्यारोपित पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

पत्नी ने नहीं दर्ज कराया मामला

लड़ैयाटांड़ सहायक थाना क्षेत्र के रामराजपुर में सुबोध मांझी की हत्या उसके ही साले प्रमोद मांझी ने रविवार रात पीट-पीट कर दी. सूचना पर जब पुलिस पहुंची, तो मृतक की पत्नी सरस्वती देवी ने मामला दर्ज कराने से इनकार कर दिया. उसने कहा कि उसके भाई प्रमोद ने उसके पति की हत्या कर दी. लेकिन, वह तो भाग गया, जबकि पति भी मर गया है. अब मुकदमा कर मुझे क्या फायदा होगा. इसके कारण थानाध्यक्ष नवनीत कुमार को वापस लौटना पड़ गया. क्योंकि न तो पत्नी मुकदमा करने को तैयार हुई और न ही शव मिला. शव को जंगल में अज्ञात स्थान पर जला दिया गया. बताया जाता है कि सुबोध मांझी घर में था. तभी उसका साला आया और एक कमरे की मांग की. क्योंकि, वह लंबे समय से बहनोई के साथ ही रह रहा है. लेकिन, सुबोध ने कहा कि इंदिरा आवास के पैसे से घर बनाया है. उसमें हिस्सा नहीं देंगे. इसी पर प्रमोद गाली देने लगा और डंडा उठा कर उसके सिर पर प्रहार कर दिया. इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.

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