स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखा रहा मुंगेर नगर निगम
शहर में कूड़े का अंबार गंगा तट बना कूड़ेदान मुंगेर : पूरा देश आज स्वच्छ भारत मिशन की तीसरा वर्षगांठ बना रहा है़ वहीं दूसरी ओर मुंगेर शहर में कूड़ों का अंबार लगा हुआ है़ ऐसा प्रतीत होता है कि मुंगेर नगर निगम स्वच्छ भारत मिशन को आत्मसात नहीं कर पा रहा. इसके कारण शहर […]
शहर में कूड़े का अंबार गंगा तट बना कूड़ेदान
मुंगेर : पूरा देश आज स्वच्छ भारत मिशन की तीसरा वर्षगांठ बना रहा है़ वहीं दूसरी ओर मुंगेर शहर में कूड़ों का अंबार लगा हुआ है़ ऐसा प्रतीत होता है कि मुंगेर नगर निगम स्वच्छ भारत मिशन को आत्मसात नहीं कर पा रहा. इसके कारण शहर साफ-सुथरा होने के बजाय लगातार गंदगी की ढ़ेर पर दिखता है. टैक्स के नाम पर मोटी रकम भरने के बाद भी शहरवासियों को गंदगी के बीच ही अपना जीवन बिताना पड़ रहा है़ शहर की सफाई मद में करोड़ों का बजट होने के बावजूद निगम प्रशासन शहर को स्वच्छ रखने में सफल नहीं हो पा रहा.
शहर में कूड़े का अंबार: स्वच्छ भारत मिशन की तीसरी वर्षगांठ पर सोमवार को मुंगेर शहर के हर चौक-चौराहे, सड़क व गलियों में कूड़े का अंबार दिखा. अनेक जगहों पर प्लास्टिक, वेस्टेज प्लेट व अन्य प्रकार की गंदगियां बिखरी पड़ी है़ शहर के बाटा चौक, नंद कुमार पार्क, एसबीआइ बैंक बेकापुर के समीप, अस्पताल रोड, तोपखाना बाजार, जुबलीबेल, शादीपुर रोड, बड़ी बाजार, भगत सिंह चौक, पीपलपांती रोड, बस स्टैंड सहित दर्जनों स्थानों पर कूड़ा जमा दिखा. सोझी घाट के पास मेले में बचे हुए खाद्य सामग्री को खुले में फेंक दिया गया है, जो काफी बदबू दे रहा है़
शहर में डस्टबिन की नहीं है व्यवस्था: निगम प्रशासन स्वच्छता के नाम पर वसूले जाने वाले टैक्स पर भले ही कोई रियायत नहीं देता हो, पर इसके एवज में निगम प्रशासन लोगों को कूड़े इकट्ठा रखने के लिए डस्टबीन तक उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है़ शहर के 45 वार्डों में से एक भी वार्ड में कहीं पर डस्टबीन की व्यवस्था नहीं की गयी है़ इसके कारण लोग कूड़े को बीच सड़क पर ही फेंक देते हैं और देखते ही देखते कूड़ा पूरे सड़क पर फैलते हुए नालों में भी भर जाता है़ दुर्गा पूजा समाप्त होने के बाद शहर में चारों ओर कचरा ही कचरा फैला हुआ है़
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी फैलाया कचरा: दुर्गा मेला व प्रतिमा विसर्जन शोभा यात्रा के दौरान विभिन्न संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सड़क के किनारे दर्जनों स्टॉल लगाये गये़ जहां मेले में आये लोगों के लिए पेयजल व प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गयी थी, पर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लगाये गये शिविरों व स्टॉलों के दूसरे पहलू को देखें तो इन लोगों ने भी शहर में कचरा फैलाने का ही काम किया़ एक भी स्टॉल पर डस्टबिन की व्यवस्था नहीं दी गयी थी़ इसके कारण लोग पानी पीने व प्रसाद ग्रहण करने के बाद ग्लास व प्लेट को सड़क पर ही फेंक कर चलते बने़ इससे भी सड़कों पर काफी कचरा फैल गया़