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दर्ज नहीं हो सकी प्राथमिकी

मुंगेर : शहरी क्षेत्र के विभिन्न डाकघरों में हुए गबन मामले में दो माह बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है. जबकि पांच सदस्यीय जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दिया है. हाल यह कि लंबे समय से डाक अधीक्षक जेपी सिंह छुट्टी पर हैं. जिसके कारण डाक अधीक्षक का पद भी प्रभार […]

मुंगेर : शहरी क्षेत्र के विभिन्न डाकघरों में हुए गबन मामले में दो माह बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है. जबकि पांच सदस्यीय जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दिया है. हाल यह कि लंबे समय से डाक अधीक्षक जेपी सिंह छुट्टी पर हैं. जिसके कारण डाक अधीक्षक का पद भी प्रभार में चल रहा है. गबन मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पा रही है और न ही कोई विलंब के संबंध में कुछ बताने वाला है. जबकि गबन मामले में पांच-पांच डाककर्मियों को आरोपित पाते हुए निलंबित किया जा चुका है.

92 लाख से अधिक का हुआ है गबन

महिला डाकघर में हुए गबन मामले की जांच 28 जुलाई से प्रारंभ हुई थी. धीमी गति से हुई जांच में एक के बाद एक शाखा उपडाकघरों में गबन का मामला सामने आते चला गया. डाक विभाग के सूत्रों की मानें तो 2 सितंबर को जांच स्थानीय स्तर पर पूरी हो गयी है. जिसमें 92 लाख रुपये का गबन पकड़ा गया. जांच टीम की रिपोर्ट को डाक अधीक्षक जेपी सिंह द्वारा पटना मुख्यालय को भेज दिया गया है. लेकिन डाक अधीक्षक जेपी सिंह के मेडिकल छुट्टी पर चले जाने से कार्रवाई पर विराम लग गया है.

डाक अधीक्षक चले गये हैं मेडिकल लीव पर

बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद डाक अधीक्षक जेपी सिंह दोषियों के खिलाफ थाने में बिना प्राथमिकी दर्ज कराये ही मेडिकल छुट्टी पर चले गये. उनके स्थान पर भागलपुर सब डिवीजन के डाक अधीक्षक को मुंगेर का प्रभार दिया गया है. लेकिन वे मात्र एक-दो दिन ही मुंगेर कार्यालय में अपना समय दिया है. इसके बाद वे भी छुट्टी पर चले गये.

अब मुंगेर डिवीजन का प्रभार नालंदा के डाक अधीक्षक प्रभार में है. लेकिन वे सोमवार को अपना योगदान मुंगेर में देंगे. जिसके कारण जांच के बारे में अथवा प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हो रही है. इस संबंध में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है. इधर दो माह बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर सवाल उठाये जा रहे है. लोगों का कहना है कि अधिकारी खुद बचने के चक्कर में प्राथमिकी दर्ज नहीं करा रहे है और मामले की लीपापोती में भिड़ गये हैं.

सूत्रों की मानें तो इस गबन के जांच के घेरे में मुंगेर डिवीजन के कुछ वरीय अधिकारी भी है. जिसके कारण जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज होने में विलंब हो रहा है. इतना ही नहीं कानूनी पेंच से बचने के लिए गबन के मामले में निलंबित हुए कुछ डाक कर्मी विभाग को गबन की राशि वापस करने में जुटे है. लाख-दो लाख तक के गबन का आरोप झेल रहे निलंबित एक दो कर्मचारियों ने तो राशि जमा भी करा दिया है.

प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

मुंगेर. जनाधिकार मोर्चा के अध्यक्ष संजय केशरी ने डाक अधीक्षक कार्यालय में आवेदन देकर कहा है कि विभिन्न उप डाकघरों में हुए गबन मामले में 10 दिनों के अंदर प्राथमिकी दर्ज करायी जाये. नहीं तो मोर्चा सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी

उन्होंने कहा है कि जांच पूरी हो जाने और जांच रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजने के बाद आज तक संबंधित थाने में गबन की प्राथमिकी दर्ज नहीं कराया जाना चिंताजनक है. विभाग मामले की लीपापोती में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि अगर 10 दिनों के अंदर प्राथमिकी दर्ज करते हुए विभागीय जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया जाता है तो सड़क पर उतर कर आंदोलन किया जायेगा.

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