आचार्य का आचरण बने अनुकरणीय
आयोजन. आनंदमार्ग आचार्य महासभा के तीसरे दिन आचार्य विमलानंद अवधूत ने किया संबोधित रोटरी क्लब ने मुंगेर लाल दरवाजा श्मशान घाट में बनाया है यात्री शेड व सीढ़ी जमालपुर : आनंदमार्ग के संस्थापक बाबा आनंदमूर्ति उर्फ प्रभातरंजन सरकार की जन्मस्थली रेलनगरी जमालपुर में आनंदमार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में पांच दिवसीय आचार्य महासभा जारी है. […]
आयोजन. आनंदमार्ग आचार्य महासभा के तीसरे दिन आचार्य विमलानंद अवधूत ने किया संबोधित
रोटरी क्लब ने मुंगेर लाल दरवाजा श्मशान घाट में बनाया है यात्री शेड व सीढ़ी
जमालपुर : आनंदमार्ग के संस्थापक बाबा आनंदमूर्ति उर्फ प्रभातरंजन सरकार की जन्मस्थली रेलनगरी जमालपुर में आनंदमार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में पांच दिवसीय आचार्य महासभा जारी है. इस दौरान आनंदमार्ग के विश्व के विभिन्न देशों के अवधूतों और अवधूतिकाओं को विशेषज्ञ आचार्यों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आचार्य महासभा के तीसरे दिन सोमवार को आचार्य विमलानंद अवधूत ने सभा को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि आचार्य का कार्य महती है. यह आचार्य ही होते हैं, जिनका आदर्श व्यक्तित्व निर्माण, आदर्श परिवार का निर्माण, आदर्श समाज का निर्माण व आदर्श राष्ट्र का निर्माण करने में अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि आचार्य को अपने आचरण से समाज को शिक्षा देनी चाहिए. आचार्य का संपूर्ण जीवन ही समाज के लिए उदाहरण स्वरूप है. आचार्य विमनानंद अवधूत ने कहा कि आनंद मार्ग के करीब 5000 आचार्य पूरे विश्व में एक आदर्श मानव समाज की स्थापना करने में अनवरत प्रयासरत है.
जीवन के बहुआयामी विषयों में प्रतिष्ठित यह आचार्य मनुष्य के भौतिक, मानसिक व आध्यात्मिक जीवन को सुचारू रुप से चलाने केलिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं. आज सकल विश्व में एक आदर्श मानव समाज की स्थापना की आवश्यकता है, जिसमें एक आचार्य की बहुमूल्य भूमिका हो सकती है. भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा दिया हुआ चर्याचर्य पर बताते हुए आचार्य जी ने कहा कि यह एक संविधान है जिसकी आवश्यकता अच्छे समाज के लिए आवश्यक है, जिसका पालन सभी को करना ही होगा. इसमें बताये हुए सभी बिंदुओं को मुख्य रूप से जीवन में उतारना होगा. तभी एक शांति एवं प्रेम युक्त समाज का निर्माण संभव है.