सदर अस्पताल : दवा मुफ्त, पानी खरीद लीजिए
खराब पड़े वाटर प्यूरीफायर को नहीं करवाया जा रहा ठीक मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ता है बोतलबंद पानी मुंगेर : जी हां! सदर अस्पताल में आपको दवा तो मुफ्त मिल जायेगी, लेकिन पानी पीने के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. सदर अस्पताल में शुद्ध पेयजल के नाम पर भले ही लाखों रुपये […]
खराब पड़े वाटर प्यूरीफायर को नहीं करवाया जा रहा ठीक
मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ता है बोतलबंद पानी
मुंगेर : जी हां! सदर अस्पताल में आपको दवा तो मुफ्त मिल जायेगी, लेकिन पानी पीने के लिए आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. सदर अस्पताल में शुद्ध पेयजल के नाम पर भले ही लाखों रुपये खर्च किये गये हों, किंतु वर्तमान में मरीजों के लिए शुद्ध पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है़ हाल यह है कि रोगियों को दवा व खाना तो मुफ्त में उपलब्ध हो जाता है, लेकिन उसे पीने के लिए बाहर से बोतलबंद पानी खरीदना पड़ता है़ यह आलम किसी एक दिन का नहीं हैं, बल्कि महीनों से यही व्यवस्था चल रही. पिछले एक महीने से सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में लगी वाटर प्यूरीफायर मशीनें महज शोभा की वस्तु बनी हुई है़ इसके कारण मरीजों को खास परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है़
बाहर से खरीदना पड़ता बोतलबंद पानी: महिला सर्जिकल वार्ड में भर्ती अमारी निवासी लूखो देवी ने बताया कि यहां दवा-सूई तो मिलती है, पर पीने के लिए बाहर से बोतलबंद पानी खरीद कर मंगवाना पड़ता है़ महिला मेडिकल वार्ड में भर्ती चंडीस्थान निवासी गायत्री देवी ने बताया कि वह पिछले तीन दिनों से भर्ती है, पर तीनों दिन पीने के लिए बाहर से ही खरीद कर पानी मंगवाना पड़ा़ पुरुष सर्जिकल वार्ड में भर्ती मनोज दास ने बताया कि पुरुष मेडिकल वार्ड के पास लगा वाटर प्यूरीफायर खराब रहने के कारण 24 घंटे में वह चार बोतल पानी खरीद चुका है़
कहते हैं पदाधिकारी
प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुधीर कुमार ने बताया कि खराब वाटर प्यूरीफायर मशीन को बनने दिया गया है़
चार जगहों पर वाटर प्यूरीफायर बंद
सदर अस्पताल के महिला सर्जिकल वार्ड, ब्लड बैंक, पुरुष मेडिकल वार्ड तथा जेनरल आउटडोर में लगाया गया वाटर प्यूरीफायर मंगलवार को बंद पाया गया़ मरीजों की मानें तो ये सभी वाटर प्यूरीफायर मशीनें पिछले एक माह से बंद पड़ी हुई है़ वहीं इमरजेंसी वार्ड के पास भी एक वाटर प्यूरीफायर मशीन लगा था. वहभी कुछ माह पूर्व खराब हो गया़ इसके बाद वह वाटर प्यूरीफायर कहां गया, यह अस्पताल प्रबंधन को छोड़ कर किसी को भी पता नहीं है़