दूसरे दिन ही इमरजेंसी वार्ड के एक्स-रे कक्ष में लगा ताला

मंगलवार को हुआ था उद्घाटन, प्रभात खबर ने किया था आगाह घायल मरीजों को एक्स-रे के लिए उठानी पड़ी परेशानी मुंगेर : लगभग पांच लाख रुपये के खर्च से सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मंगलवार को जिस डिजिटल एक्स-रे का जिलाधिकारी ने उद‍्घाटन किया था, उसमें बुधवार को ही ताला लग गया. सड़क दुर्घटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2017 5:45 AM

मंगलवार को हुआ था उद्घाटन, प्रभात खबर ने किया था आगाह

घायल मरीजों को एक्स-रे के लिए उठानी पड़ी परेशानी
मुंगेर : लगभग पांच लाख रुपये के खर्च से सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मंगलवार को जिस डिजिटल एक्स-रे का जिलाधिकारी ने उद‍्घाटन किया था, उसमें बुधवार को ही ताला लग गया. सड़क दुर्घटना में घायल मरीज एक्स-रे के लिए छटपटाते रहे, पर एक्स-रे कक्ष का ताला नहीं खुला़ इसके कारण घायलों को जांच के लिए एनजीओ द्वारा संचालित एक्स-रे कक्ष में जाना पड़ा़
एक्स-रे कक्ष में लटका ताला: सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मंगलवार को पूरे ताम-झाम के साथ डिजिटल एक्स-रे सेवा का शुभारंभ किया गया़ डीएम उदय कुमार सिंह ने एक्स-रे सेवा का शुभारंभ किया़ अपने सामने जिलाधिकारी एक मरीज का एक्स-रे जांच भी करवा कर देखा. पर उद्घाटन समारोह के बाद एक्स-रे कक्ष में ताला लगा दिया गया़ इसके कारण जरूरतमंद मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा़ बुधवार को दिन के 12 बजे जब प्रभात खबर की टीम इमरजेंसी वार्ड पहुंची तो एक्स-रे कक्ष में ताला लटका हुआ था़
मरीजों को उठानी पड़ी परेशानी: इमरजेंसी वार्ड में एक्स-रे सेवा बंद रहने के कारण कई गंभीर मरीजों को जांच के लिए खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा़ सड़क दुर्घटना में घायल केशोपुर जमालपुर निवासी सत्यनारायण मंडल, मिर्जापुर निवासी नीरज कुमार की पत्नी मधु मेहता तथा अदलपुर निवासी उत्तम यादव को चिकित्सक ने एक्स-रे जांच कराने को कहा, लेकिन इमरजेंसी वार्ड के एक्स-रे कक्ष में ताला लगा हुआ था़ काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी जब एक्स-रे कक्ष का ताला नहीं खुला तो सभी घायलों को जांच के लिए स्ट्रेचर पर लिटा कर एनजीओ द्वारा संचालित एक्स-रे कक्ष में ले जाना पड़ा.
प्रभात खबर ने किया था आगाह
प्रभात खबर ने उद्घाटन के दिन ही अस्पताल प्रबंधन को आगाह किया था कि महज एक टेक्निशियन के भरोसे 24 घंटे सातों दिन एक्स-रे सेवा का संचालन करना काफी मुश्किल होगा़ साथ ही यह सेवा तब तक कारगर साबित नहीं हो सकती, जब तक यहां पर्याप्त टेक्निशियन व सहायक की व्यवस्था नहीं हो जाती है़ मालूम हो कि वर्तमान में यहां सिर्फ एक टेक्निशियन को प्रतिनियुक्त किया गया है़ जबकि एक भी सहायक को यहां प्रतिनियुक्त या पदस्थापित नहीं किया गया है, जबकि यह सेवा सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे चालू रहना है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
एक्स-रे सेवा का संचालन ओपीडी सेवा के दौरान होना है़ बांकी समय टेक्निशियन ऑन फॉर कॉल रहेगा.
डॉ राकेश कुमार सिन्हा, अस्पताल उपाधीक्षक

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